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कागजों में सिमटकर रह गई हॉकर्स कॉर्नर योजना

locationभोपालPublished: Dec 11, 2019 12:30:46 pm

Submitted by:

Rohit verma

संत नगर में खाने-पीने का उचित स्थान नहीं होने से लोग हो रहे निराश

कागजों में सिमटकर रह गई हॉकर्स कॉर्नर योजना

कागजों में सिमटकर रह गई हॉकर्स कॉर्नर योजना

भोपाल. उपनगर में हॉकर्स कार्नर की सौगात आज तक रहवासियों को नहीं मिल सकी है। जबकि इसे बनाने के लिए कई स्थानों पर जगह खाली पड़ी है। पूर्व में नई सब्जी मंडी में हॉकर्स कॉर्नर बनाने की योजना भी बनाई गई थी। पर वह भी कागजों में सिमटकर रह गई। इस योजनाक का भी प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया।

दरअसल, बजट के अभाव में हॉकर्स कॉर्नर की योजना खटाई में पड़ गई है। भोपाल नगर निगम द्वारा आम जनता को सुविधा देने के लिए भोपाल क्षेत्र अंतर्गत आने वाले 19 जोनों में हॉकर्स कॉर्नर बनाने की योजना बनाई गई थी, जिसके लिए अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों के साथ स्थल का निरीक्षण कर योजना तैयार की गई थी। 19 जोनों में से 12 जोनों में हार्कस कॉर्नर बन चुके हैं, लेकिन अन्य 7 जोनों में अब तक हॉर्कस कॅार्नर नहीं बन पाए।

 

इसमें जोन एक संतनगर भी शामिल है। भोपाल के 19 जोनों में से सबसे पहला जोन संत हिरदाराम नगर का है। इसके बाद अन्य जोन आते हैं। मौजूदा समय में खान-पान व घूमना फिरना शौक बन गया है। बता दें कि खान-पान के मामलें में सिंधी पंजाबी का कोई मुकाबला नहीं है। संतनगर की चाट पकौड़ी, दाल पकवान मशहूर है।

इसका स्वाद चखने राजधानी के कोने कोने से लोग यहां पहुंचत हैं। पर अफसोस इस बात का है कि खान-पान के शौकीन शहर में एक भी हॉकर्स कार्नर नगर निगम ने नहीं बनाया है। यही कारण है कि सैकड़ों की तादाद में हाथ ठेले वाले मुख्य सड़कों पर खड़े हो जाते हैं, जिससे यातायात व्यवस्था बिगड़ती जा रही है।

 

संत नगर में हॉकर्स कार्नर जल्द ही बनाना चाहिए। इससे एक जगह खाने पीने की चीजें मिल सकेंगी। सड़क किनारे ठेले खड़े होने से यातायात व्यवस्था बिगड़ती है।
अथर्व ठाकुर, स्थानीय रहवासी

19 में से 12 जोनों में हॉर्कस कॉर्नर बन चुके हंै, लेकिन जो जोन पहले आता है, वहां कार्नर नहीं बनाया गया है। उपनगर की खाने पीने की चीजें प्रसिद्ध हैं।
अर्पित दुबे, स्थानीय रहवासी

नई सब्जी मंडी में जगह खाली है, जहां हॉकर्स कॉर्नर बनाया जा सकता है। यहां पहले भी योजना बनाई गई थी, जिसके अनुसार आज तक काम शुरू नहीं हो सका है।
अनुराग वर्मा, स्थानीय रहवासी

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