महिलाओं के लिए
हरे पपीता में पाए जाने वाले न्यूट्रिएंट्स इंफ्लेमेशन को दूर करने का काम करते हैं। साथ ही यह बॉडी में हार्मोंस के लेवल को बैलेंस कर मासिक धर्म संबंधी समस्याओं को भी दूर करने में असरदार हैं। हरे पपीता में फॉलेट की मात्रा भी अच्छी होती है। यह विटामिन बी का भी अच्छा सोर्स है। इस तरह गर्भावस्था संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी हरा पपीता फायदेमंद होता है। इसके अलावा विटामिन्स की कमी को दूर करने में भी यह लाभकारी है, जो उम्र के अनुसार महिलाओं में कई तरह के रोगों का रिस्क कम करने का काम करता है।
पेट के लिए फायदेमंद
कच्चे पपीते में फाइबर की मात्रा अच्छी होती है। इस वजह से इसे खाने के बाद पेट भरा हुआ महसूस होता है। यह पाचन क्रिया को सुचारू करने के साथ ही शरीर में पोषक तत्वों को ग्रहण करने की क्षमता को भी बढ़ाता है। इतना ही नहीं, बॉडी के पीएच लेवल को बैलेंस करने के लिए भी कच्चा पपीता खाना फायदेमंद है। यदि आपको गैस, एसिडिटी एवं हार्ट बर्न की समस्या रहती है तो भी इस फल को खाने से आराम मिलेगा। इसमें पाए जाने वाले पॉलीन्यूट्रिएंट शरीर में से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं।
मधुमेह रोग में
यदि आपको डायबिटीज है तो कच्चे पपीते का सेवन अवश्य करना चाहिए। इंटरनेशनल जरनल ऑफ मॉलिक्यूलर साइंस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार कच्चे पपीते का जूस ब्लड ग्लूकोज के लेवल को कम कर इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाने का काम करता है। यह बैड कोलेस्ट्रोल को कम करके हृदय को भी रोगों से बचाता है।
वजन कंट्रोल रहेगा
कच्चे पपीते में पेपीन और काइमोपेपीन एंजाइम्स होते हैं, जो भोजन से मिलने वाले फैट, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट को ब्रेक करने का काम करते हैं। ये शरीर में वसा का जमाव होने से भी रोकते हैं। इस तरह कच्चे पपीता का सेवन कर वजन को कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें कैलोरी की मात्रा भी कम होती है।