रोटी-चावल
भारतीय थाली में हमेशा रोटी और चावल रहते हैं। इन दोनों के बिना भारतीय थाली अधूरी मानी जाती है। रोटी और चावल दोनों कार्बोहाइड्रेट के प्रमुख स्रोत हैं। इन दोनों में फाइबर और विटामिन होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद है। दूसरी तरफ पास्ता, नूडल, बर्गर, ब्रेड आदि में पौष्टिकताहीन मैदा होती है। मैदा कब्ज और मोटापे आदि को बढ़ाता है साथ ही डाइजेस्टिव सिस्टम को खराब भी करता है।
सब्जियां
रोटी और चावल के साथ सब्जी का होना जरूरी होता है। सब जानते हैं कि विटामिन, मिनरल्स और फाइबर का खजाना हैं सब्जियां। हरी पत्तेदार सब्जियां आयरन का अच्छा स्रोत होती हैं। सब्जियों में कई बीमारियों से लडऩे की क्षमता होती है। सब्जियों में एंटी ऑक्सीडेंट्स भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ऐसी सब्जियों को रोज खाने में जरूर शामिल करना चाहिए।
दाल भी है जरूरी
दाल भी भारतीय थाली का जरूरी हिस्सा मानी जाती है। एक सब्जी कोई सी भी हो दूसरी सब्जी के रूप में दाल को प्राथमिकता दी जाती है। दाल खाने में भी काफी स्वादिष्ट होती है और आम घरों में बनती है। प्रोटीन से लबालब दालें शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं। यही वजह है कि सेहत विज्ञानी दैनिक भोजन में एक कटोरी दाल शामिल करने की सिफारिश करते हैं।