भोपाल

कोरोना और डेंगू के बाद अब स्क्रब टाइफस की दस्तक, पांच जिलों में मिले मरीज, अलर्ट जारी

रायसेन, नरसिंहपुर, सतना, दमोह और कटनी में मिले मरीज, विभाग ने दिए तैयारी रखने के निर्देश

भोपालSep 07, 2021 / 12:59 am

सुनील मिश्रा

भोपाल। कोरोना के बाद डेंगू और अब प्रदेश में खतरनाक स्क्रब टाइफस बीमारी ने दस्तक दे दी है। प्रदेश के पांच जिलों में स्क्रब टाइफस के मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए सभी जिलों में जरूरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही बीमारी के दौरान इलाज को लेकर भी गाइडलाइन जारी की गई है। मालूम हो कि रायसेन, नरसिंहपुर, सतना, दमोह और कटनी में इसके मरीज मिले हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जुलाई से दिसंबर तक यह बीमारी ज्यादा फैलती है, ऐसे में इस दौरान ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत है।
तीस प्रतिशत है मृत्युदर

जारी निर्देश में कहा गया है कि यह बीमारी चूहे, छछून्दर, गिलहरी आदि से फैलती है, इसलिए इनके द्वारा कुतरे गए फल अथवा खाए गए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए। सामान्य तौर पर चूहों के शरीर पर पाए जाने वाले जीवाणु ओरिएंटिया सुसुगैमुशी के कारण यह बीमारी होती है। इस बीमारी में सामान्य बुखार के साथ शरीर में छोटे-छोटे दाने, सूखे चकत्ते होते हैं। साथ ही सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सांस फूलना, खांसी, जी मितलाना, उल्टी होना अन्य लक्षण शामिल हैं। ऐसा होने पर लोगों को तुरंत उपचार कराना चाहिए। चिंता वाली बात यह है कि इस बीमारी में मृत्युदर 30 फीसदी है।
ट्रीटमेंट गाइडलाइन जारी
विभाग ने बीमारी के दौरान इलाज को लेकर गाइडलाइन जारी की है।
व्यस्क – डॉक्सीसिलीन 200 एमजी प्रतिदिन के साथ एजिथ्रोमाइसिन 500 एमजी कम से कम पांच दिन।

बच्चे – डॉक्सीसिलीन 4.5 एमजी प्रति किलो प्रति दिन के हिसाब से, एजिथ्रोमाइसिन 10 एमजी प्रति किलो पांच दिन
गर्भवती महिलाएं – एजिथ्रोमाइसिन 500 एमजी कम से कम पांच दिन,
लक्षण और इस तरह करें बचाव
जिस स्थान पर कीट ने काटा होता है वहां पर त्वचा का रंग गहरा हो जाता है और त्वचा पर पपड़ी पड़ सकती है। कुछ लोगों को त्वचा पर चकत्ते भी नजर आ सकते हैं। समस्या बढऩे के साथ रोगियों में भ्रम से लेकर कोमा तक की समस्या भी हो सकती है। यदि कोई भी कीड़ा काट ले तो तुरंत साफ पानी से उस हिस्से को धोकर एंटीबायोटिक दवाएं लगा लें। ऐसे कपड़े पहनें जिससे हाथ और पैर अच्छी तरीके से ढके रह सकें। इस रोग से सुरक्षित रहने के लिए बचाव ही सबसे प्रभावी तरीका है।
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