वे आयोडीन डे पर आयोजित एक वर्कशॉप में बोल ही थी। उन्होंने बताया कि जब थायरॉइड ग्लैंड की कार्यप्रणाली धीमी पड़ जाती है, तो वह पर्याप्त मात्रा में हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाती है, जिससे अंडाशयों से अंडों को रिलीज करने में बाधा आती है जो बांझपन का कारण बन जाती है। वे बताती हैं कि आयोडीन का सेवन सीमित मात्रा में होना चाहिए।
अधिक या कम मात्रा में आयोडीन का सेवन
आयोडीन संबंधी गड़बडियों की आशंका बढ़ा देता है। धूम्रपान से भी बढ़ता है गर्भपात का खतरा धूम्रपान थायरॉइड को सीधे तौर पर प्रभावित करता है, इसके साथ ही निकोटिन शरीर से आयोडीन को अवशोषित करता है। गर्भवती महिलाओं को जितनी जल्दी से जल्दी हो सके, शरीर में थायरॉइड के आसामान्य स्तर का डायग्नोसिस करा लेना चाहिए। अगर डायग्नोसिस में थायरॉइड से संबंधित गड़बडियों का पता चलता है तो सुरक्षित गर्भावस्था तथा प्रसव और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के लिए तुरंत उपचार करना चाहिए।
मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए दल गठित
मलेरिया, डेंगू जैसी मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जोन/वार्ड स्तर पर दल का गठन किया है। निगम के जोनल अधिकारी अपने अधीनस्थ क्षेत्रों के लिए दल के प्रमुख होंगे, जबकि सहायक स्वास्थ्य अधिकारी, वार्ड दरोगा तथा वार्ड प्रभारी दल के अन्य सदस्य के रूप में अपने अधीनस्थ क्षेत्रों में घर-घर जाकर लार्वा का सर्वे, फॉगिंग, कीटनाशक रसायनों के छिड़काव तथा विभिन्न स्थानों पर रूके हुए पानी की निकासी और जमा पानी में आइल- गंबूशिया मछली डालने की व्यवस्था सुनिश्चित कराएंगे। कार्रवाई से संबंधित उपायुक्त, सहायक आयुक्त व स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराएंगे।