बिना मेहनत किए थकान
हार्ट अटैक आने से करीब 20-25 दिन पहले से ही शारीरिक थकान महसूस होने लगती है। बिना किसी मेहनत का काम किए थकान होना शुरू हो जाती है। इसका सीधा सा अर्थ है कि हार्ट अटैक दस्तक दे रहा है। दरअसल हृदय की धमनियां कोलेस्ट्रॉल के कारण बंद हो जाती हैं या फिर सिकुड़ जाती हैं, जिससे दिल को अपने कार्य करने में काफी मेहनत करनी होती है। नतीजा थकान के रूप में हमारे शरीर पर हावी होने लगता है। इस स्थिति में अक्सर रात को अच्छी गहरी नींद सोने के बावजूद सुबह उठने पर फ्रेशनेस का अहसास नहीं होता। आपको लगातार आलस और थकान महसूस होती रहती है।
जब लगे असहज सा
हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार लक्षणों में एक लक्षण है सीने में असहजता महसूस करना। असहजता का अर्थ है सीने में जलन होना या फिर कुछ दबाव सा महसूस करना। यही नहीं कुछ अन्य परिवर्तन महसूस हो सकते हैं। यदि आपको ऐसा कुछ भी परिवर्तन महसूस हो तो तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह लें।
पैरों या शरीर के अन्य हिस्सों में सूजन
जब दिल को शरीर के सभी अंगों में रक्त पहुंचाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, तब शरीर में मौजूद शिराएं फूल जाती हैं। उनमें सूजन आने की आशंका बढ़ जाती है। खासतौर पर पैर के पंजों में या फिर टखनों पर सूजन जल्दी नजर आ जाती है। वहीं यह सूजन शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित करती है। कभी-कभी होंठों पर नीलापन आने लगता है।
हमेशा सर्दी बने रहना
अगर आपको लंबे समय से सर्दी-जुकाम या इससे संबंधित लक्षण नजर आए तो यह भी हार्ट अटैक का ही एक लक्षण है। जब दिल, शरीर के आंतरिक अंगों में रक्त संचार के लिए ज्यादा मेहनत करता है, तब फेफड़ों में रक्त की संभावना बढ़ जाती है। यदि कफ के साथ सफेद या गुलाबी रंग का बलगम निकलता है, तो इसका कारण फेफड़ों में रक्त स्रावित होना हो सकता है। साथ सफेद या गुलाबी रंग का बलगम, फेफड़ों में स्त्रावित होने वाले रक्त
सांस लेने में परेशानी होना
यदि आपको सांस से संबंधित कोई बीमारी नहीं है। लेकिन कुछ दिनों से आप महसूस कर रहे हैं कि सांस लेने में दिक्कत हो रही है। जब दिल अपना काम सही तरीके से नहीं करता है, तो फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचना मुश्किल होने लगता है। यही कारण है कि आपको सांस लेने में दिक्कत होनी शुरू हो जाती है। अगर आपको ऐसा कुछ भी परिवर्तन महसूस हो रहा है, तो तुरंत कॉर्डियोलॉजिस्ट से संपर्क कर अपनी समस्या का कारण पूछ लें, ताकि हार्ट अटैक जैसी जानलेवा स्थिति से बचा जा सके।
चक्कर आना
आपका दिल कमजोर होने लगता है। नतीजा रक्त संचार प्रभावित होता है। जिससे दिमाग को आवश्तानुसार ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इसका परिणाम चक्कर आने की स्थिति पैदा करता है। सिर हल्का महसूस होने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। हार्ट अटैक के गंभीर लक्षणों में से एक है यह लक्षण।