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जानकारी के मुताबिक टीकमगड़ की रहने वाली 60 साल की काशी बाई को लंबे समय से सांस फूलने और चक्कर आने के साथ हाथ पैरों में सुन्न पन की दिक्कत थी। एक दिन काशी तबीयत बिगडऩे पर परिजनों ने उनको एम्स अस्पताल में दिखाया गया। यहां ईको कार्डियोग्राफी सहित अन्य जांचे हुई तो पता चला कि काशी के हार्ट में ट्यूमर है। ट्यूमर इतना बड़ा था कि उसने हार्ट के एक चैंबर को पूरी तरह से चोक कर दिया था। वहां पर डॉक्टरों ने सलाह दी कि सर्जरी की इसका एकमात्र उपाय है।
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मशीन से निकाला हार्ट में भरा रक्त
ऑपरेशन को अंजाम देने वाले कार्डियोसर्जन डॉ. योगेश निवारिया ने बताया कि काशी के दिल की लेफ्ट एम्बैल मिक्सोमा (एलए मास) में यह गठान हो गई थी, जो कि 6 एमएम मोटी थी। ऑपरेशन करने के पहले हार्ट के अंदर भरे रक्त निकाल कर हार्ट को पूरी तरह से खाली किया। इस दौरान शरीर में हार्ट लंग्स मशीन के सहारे ब्लड सर्कुलेशन चालू रखा गया जिससे मरीज को कोई दिक्कत नहीं हो।
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मरीज की जा सकती थी जान
डॉ. निवारिया के मुताबिक हार्ट में बना ट्यूमर बहुत ही लचीला होता है और हिलता रहता है। ऐसे में ऑपरेशन के दौरान इसके टूटकर गिरने का डर रहता है। वे बताते हैं कि अगर एक भी टुकड़ा हार्ट में यहां वहां गिर जाए तो मरीज को लकवा हो सकता है। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव खंडेलवाल के मुताबिक इस ट्यूमर से हार्ट वॉल्व का मुंह बंद हो गया और खून वापस फेफ ड़ों में पहुंचने लगा था। अगर कुछ दिन और ऑपरेशन नहीं करते तो शायद उसकी जान चली जाती।