चिंता की बात यह है कि इसके बावजूद योजना से मरीजों को लाभ नहीं मिल रहा। निजी अस्पताल मरीजों को योजना के नाम पर भर्ती तो कर रहे हैं, लेकिन ऑपरेशन से पहले मरीजों से जमा कराए गए पैसों को वापस देने में आनाकानी कर रहे हैं। अब इन आंकड़ों को देखकर विभाग के अधिकारी भी सचेत हो गए हैं। वे निगरानी रख रहे हैं।
छोटे अस्पतालों में मेडिकल कॉलेज से चार गुना ऑपरेशन : आयुष्मान योजना के तहत छोटे निजी अस्पताल गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) की तुलना में चार गुना अधिक राशि वसूल रहे हैं। उदाहरण के तौर पर जीएमसी में नौ माह में 1889 ऑपरेशन किए गए, जिसके लिए अस्पताल को करीब 2.25 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। वहीं एलबीएस अस्पताल ने इस दौरान भले ही 797 ऑपरेशन किए, लेकिन क्लेम 3.35 करोड़ रुपए का किया गया।
यह पैकेज पर निर्भर होता है। छोटे अस्पताल कौन सा ऑपरेशन कर रहे हैं और बड़े अस्पताल कौन सा। बीच में राशि को लेकर कुछ दिक्कत आई थी, लेकिन अब समस्या नहीं है। मरीजों के परेशान होने या अस्पतालों द्वारा गड़बड़ी के कोई मामले की शिकायत नहीं मिली है।
– वी. विजय कुमार, सीईओ, आयुष्मान योजना
आयुष्मान योजना में हुए ऑपरेशन, उन पर खर्च… अस्पताल का नाम : ऑपरेशन : कुल राशि
जेके अस्पताल : 653 : 1,37,42,255
जवाहर लाल नेहरू कैंसर : 1522 : 1,36,92,575
सिद्धांता हॉस्पिटल : 637 : 1,77,05,834
चिरायु मेडिकल कॉलेज : 2939 : 5,21,79,208
चिरायु हॉस्पिटल : 235 : 2,21,68,568
एलबीएस हॉस्पिटल : 797 : 3,68,60,689
कुल राशि: 15 करोड़ 63 लाख 49 हजार 129
सरकारी अस्पतालों की स्थिति… अस्पताल का नाम : ऑपरेशन : कुल राशि (रुपए में)
हमीदिया अस्पताल : 1889 : 2,25,12,000
जेपी जिला अस्पताल : 1333 : 64,99,800
मरीजों को नहीं मिल रहा रिफंड कुछ निजी अस्पताल आयुष्मान योजना का पैसा आने तक इलाज पर खर्च होने वाली राशि एडवांस में जमा करा लेते हैं। क्लेम राशि मंजूर होने के बाद जब मरीज पैसा वापस मांगता है तो अस्पताल उसे टालते रहते हैं।