हर बार सितंबर के महीने में मानसून चला जाता है लेकिन इस बार अक्टूबर के महीने में भी बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। इस मानसून के मौसम में मध्यप्रदेश की किस्मत अच्छी रही। यह कहना गलत नहीं होगा कि मानसून का मौसम मध्य प्रदेश प्रदेश सहित पूरा मध्य भारत मानसूनी वर्षा गतिविधियों का केंद्र रहा। राज्य में प्रचुर मात्रा में वर्षा हुई है। पश्चिम मध्य प्रदेश 61% से अधिक वर्षा के साथ के साथ समाप्त सितम्बर का महीना समाप्त हो गया, जबकि पूर्वी मध्य प्रदेश 25% तक अधिशेष वर्षा हुई। वहीं कई जगहों पर तो बाढ़ जैसी स्थिति का सामना भी करना पड़ रहा है।
क्या कहता है मौसम विभाग
मौसम विभाग का कहना है कि अगले 32 घंटों के दौरान पश्चिमी मध्य प्रदेश वर्षा की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मध्य प्रदेश के भोपाल, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, धार, इंदौर, खंडवा, खरगौन, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, बुरहानपुर, होशंगाबाद, बैतूल, हरदा, उज्जैन, नीमच, रतलाम, शाजापुर, देवास, आगर, मंदसौर, गुना, अशोकनगर, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी, छिदंवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, नरसिंहपुर, सागर जिलों में तेज बारिश के साथ गरज-चमक की संभावना है।
मानसून की विदाई
हर साल अगस्त के अंत में या सितंबर मध्य तक मानसून की विदाई हो जाती है, लेकिन इस बार बारिश ने लोगों को परेशान कर रखा है। पूरे मध्य प्रदेश में इतनी बारिश होने के पीछे मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बनने वाले निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण मानसून अब तक सक्रिय है। यह 14 अक्टूबर से 24 अक्टूबर के बीच विदा हो पाएगा।