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रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, पन्ना, सागर, टीकमगढ़, दमोह, छतरपुर, उज्जैन, नीमच, रतलाम, शाजापुर, देवास, आगर, मंदसौर, दतिया, गुना, ग्वालियर, शिवपुरी, अशोकनगर, शाजापुर जिले में बुधवार को अनेक स्थानों गरज-चमक के साथ तेज बारिश का पूर्वानुमान है।
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गुजरात के पास बना सिस्टम
मौसम विज्ञानिकों के अनुसार, वैसे तो सामान्य तौर पर मध्य प्रदेश से मानसून की विदाई हो जानी थी, लेकिन गुजरात के तटीय इलाकों में कम दबाव का क्षेत्र सक्रीय है, जिसके कारण मध्य प्रदेश में भी बारिश का सिलसिला जारी है। हवा का रुख प्रदेश की ओर होने के कारण मानसूनी बादलों की सक्रीयता प्रदेश में बढ रही है। इसके असर के चलते एक बार फिर तेज बारिश का सिलसिला शुरु होने के आसार हैं। हालांकि बीच-बीच में अब धूप खिलने और बादल होने से लोग वायरल की चपेट में आने लगे हैं। चिकित्सकों ने लोगों को खानपान में सावधानी बरतने की सलाह दी है।
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10 हजार करोड़ के नुकसान, 15 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद
इस साल प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ के चलते करीब 10 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का प्रारंभिक अनुमान लगाया गया है। इसमें 8 हजार करोड़ की फसल खराब हुई है, जबकि 2 हजार करोड़ रुपए लागत की सड़कें, सरकारी भवन और मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आकलन के लिए केन्द्रीय दल निरीक्षण कर चुका है। बाढ़ से मंदसौर, नीमच, रतलाम, आगर-मालवा में सोंयत और भिंड-मुरैना में ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। साथ ही इस रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने लगभग 15 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद की है, जिसकी पुष्टी कुछ दिनों पहले जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने की थी। हांलांकि, बारिश का सिलसिला नहीं थमा तो ये आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। वहीं, इस बीच वर्षाजनित हादसों में 200 से ज्यादा लोगों की मौतें हुईं। प्रदेश सरकार बाढ़ प्रभावितों को अब तक सौ करोड़ से ज्यादा की राहत राशि बांट चुकी है। साथ ही, राज्य ने केन्द्र सरकार से भी राहत पहुंचाने की अपील की है।