इस समय अश्लेषा नक्षत्र में बारिश हो रही है, जबकि 17 अगस्त से मघा नक्षत्र की शुरुआत होगी। दूसरी ओर मौसम विशेषज्ञों का भी मानना है कि भारी बारिश का दौर अगस्त के दूसरे पखवाड़े में देखने को मिल सकता है। मौसम विभाग का भी कहना है कि 26 जिलों में तेज बारिश के आसार बन रहे हैं।
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कैचमेंट एरिया में बारिश कमजोर पडऩे से बड़ा तालाब सहित शहर के सभी जलस्रोतों का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। केरवा डैम प्रभारी सब इंजीनियर रविंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि डैम में 8 ऑटोमेटिक गेट लगे हुए हैं। फुल टैंक लेवल 1673 मीटर के आसपास पहुंचते ही गेट खुलना शुरू हो जाते हैं। इधर, बड़ा तालाब का जलस्तर अभी भी 1666.50 फीट पर स्थिर बना हुआ है।
सिंह राशि में होगा वर्षा का प्रवेश
ज्योतिष मठ संस्थान के पं. विनोद गौतम का कहना है कि मघा को बारिश का प्रमुख नक्षत्र माना गया है। इस दौरान सिंह राशि में वर्षा का प्रवेश होगा। इस नक्षत्र का वाहन जंबुक होगा। मघा नक्षत्र को लेकर कई कहावते भी काव्य ज्योतिष में है, मघा न बरसे भरे न खेत, माता न परोसे भरे न पटे, अर्थात मघा अगर अच्छी नहीं बरसती है तो खेत प्यासे रह जाते हैं।
बारिश के आठ नक्षत्र, इसमें से अब चार बाकी
ज्योतिषियों का कहना है कि सूर्य के आद्र्रा नक्षत्र में प्रवेश के साथ ही वर्षाकाल की शुरुआत होती है। इसमें आद्र्रा से हस्त नक्षत्र तक कुल आठ नक्षत्र बारिश के माने गए हैं। हर नक्षत्र एक पखवाड़े तक रहता है। इस तरह कुल चार महीने अलग-अलग नक्षत्रों में बारिश होती है।