MUST READ: शुरु हो गई है प्री मानसून बारिश, आने वालों कुछ घंटों में हो सकती है तेज बारिश
बदल गया शहर का नजारा
शहर में नौतपे के पांचवें दिन शाम को जो तेज हवाएं चलना शुरू हुई तब किसी ने नहीं सोचा था कुछ ही घंटों में नजारा इतना बदल जाएगा। 36 से 40 किमी तक की रफ्तार वाली तेज हवाओं और गरज चमक के बाद जो जोरदार बौछारे पढना शुरू हुई तो कुछ ही देर में सड़कों से लेकर गलियों तक पानी यह निकला तो कई जगह जलभराव के हालात तक बन गए।
मानसून से पहले बारिश का दौर
मानसून के आगमन में मामूली विलंब हो सकता है। पहले इसके 31 मई को केरल पहुंचने के आसार थे। मौसम विभाग ने रविवार को बताया कि यह केरल में 3 जून को दस्तक देगा। विभाग के मुताबिक 1 जून से दक्षिण-पश्चिमी हवाएं जोर पकड़ेंगी, जिसके बाद केरल में बारिश संबंधी गतिविधियों में तेजी आएगी। मानसून 5 जून तक गोवा पहुंच सकता है। धीरे-धीरे यह उत्तर भारत की तरफ कूच करेगा। मध्यप्रदेश में मानसून से पहले बारिश का दौर जारी है। रविवार 34.2 को लगातार के बड़े हिस्से में अच्छी बारिश हुई। भोपाल में 32 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो अब तक 30 मई का ऑलटाइम रेकॉर्ड है।
इससे पहले 31 मई 1956 को 72.6 मिमी बारिश बरसा था। देर शाम शुरू हुआ बारिश का सिलसिला रात तक जारी रहा। इससे पहले कुछ स्थानों पर ओले भी गिरे। 36 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली। इससे कई जगह कच्चे घरों के छप्पर उड़ गए। दर्जनों पेड़ भी गिरे।
आज भी होगी गरज चमक व बूंदा-बांदी
शहर में पिछले दो दिन में पड़ी बौछारों के बाद वातावरण में नमी की मात्रा बेहद बढ़ गई है, इसके बाद सोमवर को जब धूप तपेगी तो तापमान बढ़ते ही नमी के साथ टकराहट होने से गरज-चमक की स्थिति बनेगी। इस दौरान बौछारें भी पड़ सकती हैं, यह क्रम दो दिनों तक चल सकता है।
10 सालों के रिकॉर्ड में पहली बार
मौसम विभाग के पिछले 10 सालों के रिकॉर्ड में एक भी बार ऐसा नहीं हुआ कि मई महीने में तापमन 44 डिग्री के पार न गया हो, हर साल दो से चार,पांच दिन तापमान 44 डिग्री के पार जाता ही है और लू के हालात बनते हैं लेकिन इस साल 30 मई तक एक बार भी तापमान 43 डिग्री के पार भी नहीं गया है और रविवार को हुई जोरदार बारिश के बाद 31 मई को भी ऐसा होना संभव नहीं है, ऐसे में यह पिछले 10 सालों के सबसे कम गर्म महीना रहने जा रहा है।