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मदद की दरकार: 9 साल का मूक-बधिर बच्चा 15 दिनों से नहीं जा पा रहा स्कूल

locationभोपालPublished: Aug 18, 2022 07:58:37 pm

मूकबधिर बच्चे के सिर पर लगी मशीन खराब, 1 लाख में बनेगी
गुर्बत से घिरा परिवार मदद के लिए दर ब दर भटक रहा

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पढ़ने और खेलने की उम्र में 9 साल के हर्ष प्रजापति के सामने गुर्बत का पहाड़ इतना बड़ा हो गया है की बच्चा पिछले करीब 15 दिनों से स्कूल ही नहीं जा पा रहा है। केंद्रीय विद्यालय बैरागढ़ में पढ़ने वाले कक्षा-1 के छात्र हर्ष जन्म से ही मुकबधिर है। पिता भगतराम प्रजापति इलेक्ट्रशियन का काम कर परिवार का भरण- पोषण करते हैं। मुकबधिर बच्चा कुछ ठीक हो सके इस आस में साल 2016 में जब हर्ष 2 साल का था तब बीपीएल कार्ड से उसे 6.50 की लागत वाली कॉकलियर इंप्लांट मशीन लगी थी। इस मशीन का एक भाग सिर के पिछले हिस्से पर लगता है। और उसके साथ कान में एक मशीन लगती है। जिससे हर्ष सुनभी लेता था और थोड़ा बहुत बोल भी लेता था। लेकिन करीब 20 दिनों पहले सिर के पिछले हिस्से पर लगी मशीन का प्रोसेस खराब हो गया है जिसके कारण हर्ष का स्कूल जाना बंद हो गया है। बेबस पिता ने पता किया तो डॉक्टर ने करीब 1 लाख रूपए का खर्चा बताया है। अब पिता भगतराम का कहना है कि हमारे पास इतने पैसे तो नहीं है। क्या करें बच्चा स्कूल भी नहीं जा पा रहा है।

हर 6 माह में मशीन में लगता है पैसा

हर्ष के पिता भगतराम ने बताया कि मशीन में हर 6 से 8 महिने में कुछ ना कुछ खर्चा आ जाता था। बाल कल्याण समिति से मिलने वाली 2000 महीना पेंशन और कहीं से पैसे की व्यवस्था कर काम चलाते थे। लेकिन इस बात तो पूरी मशीन ही सिर के पिछले हिस्से से निकलकर ठीक होगी। जिसमें 1 लाख रूपए का खर्चा बताया है। इतने पैसे हमारे पास नहीं है। बाल कल्याण समिति में बड़े साहबों से बात की तो उन्होंने कहा कि यहां से कुछ नहीं होगा।

पिछले 15 दिनों से नहीं जा पा रहा स्कूलकॉकलियर इंप्लांट मशीन बंद होने के कारण हर्ष अब तो न सुन पा रहा है और न ही थोड़ा बहुत भी बोल रहा है। जिस वजह से वजह से पिछले 15 दिनों से उसकी पढ़ाई- लिखाई ठप्प पड़ी हुई है। हर्ष के पिता भगतराम ने बताया कि स्कूल से फोन भी आया लेकिन बच्चे को कैसे स्कूल भेज दें जब वो कुछ सुन ही नहीं पाएगा।

जिम्मेदार ये बोलें

कॉकलियर इंप्लांट योजना के तहत ये मशीने लगाई गई थी। लेकिन अब ये योजना स्वास्थ्य विभाग चली गई है। वैसे भी हमारा काम एक बार मशीनों को देना है उनका रखरखाव और मरम्मत विभाग से नहीं होता है।

आरके सिंह, संयुक्त संचालक, सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग

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