इसे सरकार के खजाने में निलामी के लिए रखा गया है। पन्ना की माटी में कब किसकी किस्मत चमक जाए औऱ रातोंरात करोड़पति बन जाये इसका अंदाजा लगाना नामुमकिन हैं । बेनिसागर निवाशी दो दोस्त मोतीलाल प्रजापति पिता दीनदयाल प्रजापति , रघुवीर प्रजापति पिता बाबूलाल को पन्ना जिले का अभी तक का सबसे दूसरा बड़ा 42.59 कैरेट हीरा मिला है ।
इस हीरे से पहले भी 44 कैरेट का पन्ना में मिल चुका है । यह हीरा पन्ना जिले का दूसरा सबसे बड़ा माना जा रहा हैं । इसकी कीमत 2 करोड़ रुपए से ज्यादा की बताई जा रही है।
नियमानुसार मजदूर मोतीलाल प्रजापति ने ये हीरा सरकारी खजाने में जमा करा दिया है। अब नीलामी के बाद 13.5 प्रतिशत रॉयल्टी काटकर बाकी की पूरी रकम मजदूर को मिलेगी
सालों से कर रहे थे खदान में हीरा खनन, रातोरात बन गए करोड़पति
पन्ना की पटी उथली खदान से मजदूर को यह हीरा मिला है । जब दोनों मजदूरों से बात की गई तो दोनों ख़ुशी से ओत प्रोत हो गए ।
क्योंकि गरीब परिवार से आने वाले दोनो दोस्त सालो से हीरा खदान में हीरा खनन का कार्य कर रहे थे । आखिरकार उनकी किस्मत चमकी और रातोंरात दोनो मजदूर करोड़पति बन गए । मजदूर के पिता भी हीरा खदान में काम करते रहे है । लेकिन हीरा अभी तक नही मिला । सालों की मेहनत आखिरकार रंग लाई ।
पन्ना के इतिहास का दूसरा बड़ा हीरा
जो हीरा मिला है वो 42.59 कैरेट का है। ये पन्ना जिले के इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा हीरा है।
इसकी इससे पहले पन्ना में 1961 में रसूल मोहम्मद नामक व्यक्ति को 44.55 कैरेट का हीरा मिला था। इसकी कीमत 2 करोड़ रुपए से ज्यादा की बताई जा रही है।
मोतीलाल ने कहा कि वे इससे मिलने वाली राशि से अपने माता-पिता की सेवा करना चाहता है और बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहता है।