मामला गंजबासौदा निवासी राजेन्द्र मेहता की बेटी कनुप्रिया ने 2018 में उनकी बेटी ने दसवीं की परीक्षा दी थी। रिजल्ट आने पर गणित में 100, विज्ञान में 99, सामाजिक विज्ञान में 98 , हिंदी में 80 और अंग्रेजी में 81 नम्बर आए। हिंदी में कम नम्बर आने पर कनुप्रिया को विश्वास नहीं हुआ। जुलाई 2018 में मेहता ने ग्वालियर हाईकोर्ट में याचिका लगाई तो कोर्ट ने जनवरी 2019 में हिंदी के पुर्नमूल्यांकन कर रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया।
कॉपी देखने पर पता चला प्रश्न क्रमांक 25, 26 और 28 में सही जवाब के बावजूद शून्य अंक दिए गए। मेहता ने बोर्ड को पत्र लिखकर सुधार का आवेदन दिया लेकिन बोर्ड ने फिर से अलग-अलग प्रश्न पर दिए गए नम्बर ही बता दिए। इस पर मेहता ने आपत्ति जताई लेकिन इसके बावजूद सुधार नहीं किया।
‘पुर्नमूल्यांकन के आवेदन मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाती है, इस मामले में क्या हुआ इस बारे में पता करवाता हूं। – अजय सिंह गंगवार, सचिव, माध्यमिक शिक्षा मंडल सीपीसीबी के वैज्ञानिक बताएंगे, गौ काष्ठ से होलिका दहन के फायदे
भोपाल. होली के त्यौहार की परंपरा निभाते हुए पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य को पूरा किया जा सकता है। इसके लिए कुछ छोटे-छोटे कदम उठाकर हजारों पेड़ बचाए जा सकते हैं। होली पर्व पर पेड़ों की लकड़ी की जगह गाय के गोबर से निर्मित लकड़ी ( गौ काष्ठ) का उपयोग करने के लिए लायंस क्लब एवं स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से गुरुवार शाम चार बजे एमपी नगर जोन वन स्थित होटल रौनक प्लाजा में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यशाला में सीपीसीबी (केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ) के वैज्ञानिक डॉ.़ योगेन्द्र कुमार सक्सेना एवं लायंस क्लब के वाइस गवर्नर डॉ. आरके चौरसिया गौ काष्ठ निर्माण, उपयोग के तरीके एवं इसके फायदों की जानकारी देंगे। कार्यशाला की अध्यक्षता लायन डॉ. दिव्यता गर्ग करेंगी।