ऑफलाइन और तय समय पर परीक्षा कराने के लिए हाईकोर्ट पहुंचा बोर्ड
भोपाल. 10वीं और 12वीं की परीक्षा पर माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपी बोर्ड) ने बड़ा कदम उठाया है. बोर्ड की ये परीक्षाएं तय समय पर ही ऑफलाइन मोड पर ही हों, इसके लिए बोर्ड हाईकोर्ट पहुंच गया है. बोर्ड की 12वीं की परीक्षा 17 फरवरी और 10वीं की परीक्षा 18 फरवरी से शुरू होंगी। परीक्षा में किसी तरह की दिक्कत न आए, इसके लिए बोर्ड ने हाईकोर्ट जबलपुर और उसकी दोनों खंडपीठी इंदौर व ग्वालियर में कैविएट दायर कर दी है।
कोरोना के बावजूद मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल हाईस्कूल और हायरसेकेंडरी की परीक्षाएं तय समय पर ही ऑफलाइन मोड में ही कराने को कटिबद्ध दिख रहा है. बोर्ड को आशंका है कि परीक्षा प्रभावित करने अथवा रुकवाने के लिए संस्थाओं, परीक्षार्थियों अथवा उनके अभिभावकों या अन्य व्यक्तियों द्वारा प्रयास किए जा सकते हैं. ऐसे में परीक्षाओं पर किसी भी प्रकार की रोक, इन्हें टालने या निरस्त किए जाने की संभावना को ही अब बोर्ड ने खत्म कर दिया है।
बोर्ड ने इसे लेकर धारा 148 (ए) के तहत हाईकोर्ट जबलपुर और उसकी खंडपीठ इंदौर व ग्वालियर में कैविएट दायर की है। केविएट में कहा गया है कि यदि यहां परीक्षाओं को रद्द करने या उसे प्रभावित करने संबंधी याचिका दायर की जाती है, तो उसमें मंडल का पक्ष सुने बिना अंतरिम आदेश पारित न हो। बोर्ड अधिकारियों का मानना है कि हाईकोर्ट जबलपुर और उसकी खंडपीठ इंदौर व ग्वालियर में याचिका लगाकर परीक्षाओं को प्रभावित किया जा सकता है। इससे छात्रों को परेशानी होगी।
बोर्ड ने कोर्ट को बताया है कि 10वीं की परीक्षा 18 फरवरी और 12वीं की परीक्षा 17 फरवरी से ऑफलाइन मोड पर होंगे। दोनों में करीब 18 लाख स्टूडेंट्स शामिल हो रहे हैं। प्रदेश में करीब 4 हजार परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इस संबंध में परीक्षा केंद्र और टाइम टेबल तय किया जा चुके हैं। एग्जाम के लिए छात्रों के प्रवेश कार्ड, उत्तर पुस्तिकाओं की व्यवस्था एवं परिवहन, प्रश्न पत्रों का वितरण समेत सभी तैयारी कर ली गई हैं।