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हाईकोर्ट का बड़ा फैसला-शादीशुदा बेटी को मिलेगा अनुकंपा नौकरी का लाभ

locationभोपालPublished: Jul 01, 2022 02:41:45 pm

Submitted by:

Subodh Tripathi

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है, जिसके अनुसार एक शादीशुदा बेटी को भी अपने पिता की मृत्यु होने के बाद अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिल सकता है।

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला-शादीशुदा बेटी को मिलेगा अनुकंपा नौकरी का लाभ

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला-शादीशुदा बेटी को मिलेगा अनुकंपा नौकरी का लाभ

भोपाल. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है, जिसके अनुसार एक शादीशुदा बेटी को भी अपने पिता की मृत्यु होने के बाद अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिल सकता है। इस फैसले से उन बेटियों को लाभ होगा, जिनके कोई भाई नहीं है या फिर पिता की मृत्यु के बाद भाई नौकरी लायक नहीं है। इससे वह परिवार मुख्यिा के जाने के बाद भी अपने पैरों पर खड़ा हो सकेगा।

जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। जिसके तहत एक विवाहित बेटी अपने सरकारी कर्मचारी पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए पात्र है। इस संबंध में एक महिला ने याचिका लगाई थी, क्योंकि उनके पिता ब्रजलाल पांडे सतना जिले के एक स्कूल में सहायक शिक्षक थे, उनकी मृत्यु के बाद उन्हें अनुकंपा नियुक्ति से स्कूल शिक्षा विभाग ने मना कर दिया था, इस पर उनकी बेटी सुधा मिश्रा ने याचिका लगाई थी। उन्होंने मप्र की उच्च न्यायालय की जबलपुर पीठ का रुख किया था। इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि एक विवाहित महिला भी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए पात्र है। उन्होंने रीवा में स्कूल शिक्षा के संयुक्त निदेशक को उनके दिवंगत पिता के स्थान पर नियुक्ति के लिए मिश्रा के आवेदन पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता के रूप में सत्येंद्र ज्योतिष पेश हुए।

आपको बतादें कि मध्यप्रदेश में शादीशुदा बेटियों के अनुकंपा नियुक्ति को लेकर चल रहे मामले में बड़ा फैसला आया है, इससे पहले इंदौर में भी एक मामले को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर बैंच ने बड़ा फैसला सुनाया था। इंदौर के नेहरू नगर स्थित सरकारी कालेज में संतोष परमार पढ़ाती थी। 2020 में उनका निधन हो गया था। संतोष परमार दृष्टिहीन शिक्षिका थी। उनके निधन के बाद बेटी तरुणा की ओर से दिसंबर 2020 में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया था। उच्च शिक्षा विभाग ने 23 जुलाई 2021 को तरुणा के शादीशुदा होने का हवाला देकर नियुक्ति देने से मना कर दिया था। इसके बाद तरुणा ने हाईकोर्ट की इंदौर बैंच में याचिका दायर कर अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की थी।
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याचिका में कहा गया था कि अनुकंपा नियम में शादीशुदा बेटी को अनुकंपा नियुक्ति नहीं देने का कोई उल्लेख नहीं है। इसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई शुरू की और जस्टिस वर्मा की बैंच ने कहा कि भले ही बेटी शादीशुदा हो या दूसरे घर चली गई हो, लेकिन उसे अनुकंपा नियुक्ति पाने का पूरा हक है। मां की जगह पर बेटी अनुकंपा नियुक्ति पाने की पात्र है। तरुणा के भाई विजित और बहन प्रेरणा ने भी लिखित में अपनी सहमति दी है कि तरुणा को नौकरी दिए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

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