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कुछ को लाइजनिंग में इस्तेमाल करती थी तो कुछ को ब्लैकमेल। शनिवार सुबह एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र महिला थाने पहुंचीं। उन्होंने वहां रिमांड पर चल रही आरती और उसकी सहयोगी मोनिका से अलग-अलग पूछताछ की। आरती ने कबूला कि वह स्पाय कैमरे से वीडियो तैयार करती थी। मोबाइल से वीडियो बनाने में शंका हो जाती है। उसने मोबाइल में स्पाय कैमरा फिट कर रखा था।
इंजीनियर हरभजन के साथ ही कुछ अन्य लोगों के वीडियो भी मिले हैं। इसमें सिर्फ हरभजन को छोड़कर बाकी लोग भोपाल के हैं। पुलिस ने हरभजन से भी पूछताछ की। उनसे मोबाइल और कुछ अन्य चीजें सबूत के रूप में ली गई। उनसे आरती व अन्य महिलाओं से मुलाकात को लेकर सवाल किए।
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फीस की व्यवस्था के लिए जुड़ी थी मोनिका
आरती की सहयोगी के रूप में गिरफ्तार मोनिका को लेकर एसएसपी का कहना है कि उसका जन्म 2000 में हुआ है। वह पढ़ाई की फीस की व्यवस्था के लिए तीन महीने पहले आरती से जुड़ी। आरती ने इंजीनियर से 50 लाख वसूलने की बात कही है, लेकिन इंजीनियर इससेे इनकार कर रहे हैं।
पलासिया टीआई को किया लाइन अटैच
एसएसपी के मुताबिक, एक युवक को झूठा फंसाने पर एसआई सहित तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया था। जांच में देरी करने पर टीआई अजीत सिंह बैस को लाइन अटैच किया है। माना जा रहा है कि हनी ट्रैप मामले में उन्हें हटाया है। प्रमाण मिल रहे थे कि वे गिरफ्तारी के बाद आरोपियों के परिजनों से संपर्क में थे।
आरती के घर छतरपुर पहुंची क्राइम ब्रांच
हनी ट्रैप मामले में गिरफ्तार आरती से जुड़े राज का पता करने के लिए शनिवार को क्राइम ब्रांच की टीम छतरपुर पहुंची। घर पर दरवाजा नहीं खोला गया। टीम ने पुलिस से आरती की प्रोफाइल तैयार कराई है। संपर्क में रहने वाले कुछ लोगों से भी बात की, लेकिन नामों का खुलासा नहीं किया।
पता चला कि आरती दो साल पहले छतरपुर में रहते हुए एक संघ पदाधिकारी के नजदीक रही। उसका मोबाइल बंद है और भूमिगत है। छतरपुर के पंकज दयाल ने कहा कि उसकी कभी आरती से शादी नहीं हुई। वह लिव इन में रहकर उसे ब्लैकमेल करती रही।
भाजपा ने कहा- सीबीआई जांच हो
कांग्रेस बोली- सत्ता पाने के लिए भाजपा ने रची साजिश
ह नी ट्रैप मामले पर प्रदेश की सियासत उबाल पर है। कांग्रेस ने इसे सत्ता पाने के लिए भाजपा की साजिश बताया है तो भाजपा नेताओं ने जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि जो नाम आ रहे हैं, उनमें हमारे मंत्रियों के नहीं हैं। सभी नाम पूर्व मंत्रियों के हैं।
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वन मंत्री उमंग सिंघार ने ट्वीट कर लिखा कि सत्ता पिपासु भाजपा नेता लाक्षागृही षड्यंत्र रचने को आतुर हैं। अपने चरित्र को गिरवी रख दिल्ली के इशारे पर लोकतांत्रिक सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं, जो बेनकाब हो गया। मंत्री पीसी शर्मा ने कहा, यह सरकार गिराने के लिए भाजपा की नाकाम कोशिश है। इसमें कई हाईप्रोफाइल चेहरे सामने आएंगे। मंत्री जीतू पटवारी ने मीडिया से कहा कि जो हो रहा है या जो हुआ, वह चिंता का विषय है। मामले की निष्पक्ष जांच होगी। मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि भाजपा के कुछ नेता कांग्रेस सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं।
तथ्यों के आधार पर हो जांच : शिवराज
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से कहा, यह विषय राजनीतिक नहीं है। तथ्यों के आधार पर जांच होनी चाहिए। जो दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि कांग्रेस अनावश्यक इस मामले को मोड़ रही है। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि अभी तक जितने खुलासे हुए उसमें पुलिस के प्रयास सराहनीय है। उन्होंने आशंका जताई कि पुलिस सरकार के दबाव में खुलकर काम नहीं कर पा रही है। इसलिए इसकी जांच सीबीआई या अन्य किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराई जानी चाहिए। इससे वास्तविक तथ्य सामने आएंगे।