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भोपाल

हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में, DG बोले- हनी ट्रैप में मुझे बदनाम करने की साजिश

अफसरों में में विवाद सामने आया है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार पुलिस के मुखिया की शिकायत, डीजीपी ने साधी चुप्पी…डीजी बोले- हनी ट्रैप में मुझे बदनाम करने की साजिश, आईपीएस एसोसिएशन में शिकायत

भोपालSep 28, 2019 / 08:45 am

KRISHNAKANT SHUKLA

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भोपाल. हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में नेताओं और अफसरों के जांच घेरे में आने के बीच पुलिस महकमे में डीजी स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों में विवाद सामने आया है। एसटीएफ डीजी पुरषोत्तम शर्मा ने आरोप लगाया है कि उन्हें बेवजह बदनाम किया जा रहा है। दिल्ली जाने वाले पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों के रहने गाजियाबाद में किराए पर फ्लैट लिया था, लेकिन डीजीपी का इसे हनी ट्रैप से जोडऩा दुर्भाग्यपूर्ण है।

स्पेशल डीजी शर्मा ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री कमलनाथ और आइपीएस एसोसिएशन से की है। प्रदेश के पुलिस इतिहास में पहली बार किसी अफसर ने डीजीपी के खिलाफ एसोसिएशन में शिकायत की है। उन्होंने सीएम से कहा कि गाजियाबाद में किराए पर लिए फ्लैट की सूचना डीजीपी को दी थी। डीजीपी ने आपत्ति जताई तो फ्लैट खाली कर दिया। अब इस फ्लैट को हनी ट्रैप से जोड़कर मुझे बदनाम किया जा रहा है, जो बेहद खेदजनक है।

 

लिप्त अफसरों का जुलूस निकाला जाए

मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा, हनी ट्रैप में लिप्त लोगों के साथ सहानुभूति नहीं होनी चाहिए। इनका जुलूस निकाला जाए। जिन अफसरों के नाम सामने आएंगे, उन्हें बर्खास्त किया जाए।

पत्रिका पड़ताल: नहीं ली फ्लैट किराए की अनुमति

पत्रिका ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि डीजी पुरषोत्तम शर्मा ने खुद के स्तर पर आदेश जारी कर 14 अगस्त को फ्लैट किराए पर ले लिया। नियमानुसार ऐसे मामलों में डीजीपी की अनुमति जरूरी है, जो उन्होंने नहीं ली। इस पर डीजीपी वीके सिंह ने स्पेशल डीजी शर्मा से स्पष्टीकरण मांगा।

24 सितंबर को फ्लैट खाली कर दिया गया। बाद में डीजी शर्मा ने मुख्यमंत्री से मिलकर डीजीपी की शिकायत की। डीजीपी ने सीएम को तर्क दिए कि अन्य राज्य में फ्लैट किराए पर लेने के लिए उनकी अनुमति जरूरी है। दिल्ली में पहले से ही एमपी भवन, मध्यांचल भवन और पुलिस का सेफ हाउस है। डीजी शर्मा का यह कदम नियमों की अवहेलना में आता है।

 

आईपीएस एसोसिएशन को लिखे पत्र का मजमून

डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने आईपीएस एसोसिएशन को भेजे गए ईमेल में लिखा, अत्यधिक पीड़ा है कि हमारे संस्कार इतने निचले स्तर तक आ पहुंचे। एक सीनियर ने मातहत की छवि उछाल दी। इससे विभाग की किरकिरी हुई। इसकी निंदा हो। ऐसी व्यवस्था हो कि आगे ऐसा न हो।

अफसरों के ठहरने के लिए फ्लैट किराए पर लिया था। डीजीपी ने इसे हनी ट्रैप से जोड़ा, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
– पुरषोत्तम शर्मा, डीजी एसटीएफ

मैं इस मामले में बात नहीं करना चाहता। हनी ट्रैप मामले की जांच एसआईटी कर रही है।
– वीके सिंह, डीजीपी

आरती-मोनिका 1 अक्टूबर तक, दोनों श्वेता व बरखा 30 तक
सभी महिला आरोपी रिमांड पर, एक साथ बैठाकर होगी पूछताछ
पांचों आरोपियों को रिमांड पर लेने का आवेदन किया स्वीकार
कहा- आरोपियों ने ब्लैकमेल कर विभिन्न राज्यों में हथियाए ठेके

 

हनी ट्रैप की आरोपी आरती दयाल व मोनिका का पुलिस रिमांड 1 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है। कोर्ट ने 23 सितंबर से जेल में बंद श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता विजय जैन और बरखा सोनी को भी 30 सितंबर तक के रिमांड पर दे दिया है। शुक्रवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष भट्ट ने 20 मिनट की सुनवाई के बाद पांचों आरोपियों को रिमांड पर देने के आदेश दिए।

जिला अभियोजन अधिकारी मोहम्मद अकरम शेख ने कोर्ट में तर्क दिए कि आरती 19 सितंबर से रिमांड पर है, लेकिन जांच में सहयोग नहीं कर रही है। बीमारी का बहाना बना रही है। अस्पताल की जांच में कुछ नहीं निकलता है। इन्हें भोपाल और छतरपुर ले जाना है, इसलिए रिमांड चाहिए। अकरम के अनुसारआरती व मोनिका से पूछताछ में पता चला कि दोनों श्वेता व बरखा ने ब्लैकमेल कर विभिन्न राज्यों में भी टेंडर लिया।

मंत्री बोले जांच होने के बाद करेंगे खुलासा
गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा, हनी ट्रैप की जांच पूर्ण होने के बाद ही खुलासा करेंगे। मुख्यमंत्री ने एसआइटी का गठन किया है।

पुलिस ले रही कोरे कागजों पर हस्ताक्षर : आरती
आरोपी आरती दयाल मीडिया से बोली, मैं बेगुनाह हूं। पुलिस कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करा रही है। पलासिया टीआई ऐसा करने को मजबूर कर रहे हैं।

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