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हाई कोर्ट की एक पीठ ने एमपी एग्रो को रोका, दूसरी ने दी राहत, देखें ऐसा क्या हुआ

locationभोपालPublished: Mar 13, 2018 11:23:27 pm

पोषण आहार वितरण मामला विधानसभा में गूंजा मामला, कैबिनेट में नई व्यवस्था मंजूर

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भोपाल। प्रदेश की आंगनबाडिय़ों में पोषण आहार वितरण मामले में हाई कोर्ट के मंगलवार को आए नए फैसले से एमपी एग्रो को नई व्यवस्था होने तक के लिए राहत मिल गई है। जस्टिस पीके जायसवाल और जस्टिस वीरेन्दर की युगल पीठ ने प्रदेश सरकार के पुरानी वितरण व्यवस्था बंद करने के 8 मार्च के फैसले पर रोक लगा दी है।

यह मामला सुनवाई के लिए अब जबलपुर की मुख्य पीठ के पास जाएगा। बुधवार को इस मामले की सुनवाई होगी। इधर, कैबिनेट ने वितरण व्यवस्था को नए सिरे से लागू करने के लिए संभाग स्तर पर स्व-सहायता समूह को जमीन आवंटन और इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का निर्णय लिया है।

विधानसभा में विपक्ष ने इसे बड़ा घोटाला बताते हुए इसकी रिटायर्ड जज से जांच कराने की मांग की। इंदौर हाईकोर्ट ने 13 सितंबर 2017 को को दिए गए आदेश की पालना नहीं करने पर 8 मार्च को सरकार को फटकार लगाई थी।

उसने यहां तक कहा कि एमपी एग्रो को अब एक दिन के लिए भी सप्लाई की इजाजत नहीं दी जा सकती है। मंगलवार को हाई कोर्ट की एक अन्य युगल पीठ ने इस आदेश पर स्थगन देते हुए सरकार को नई व्यवस्था के लिए प्रक्रिया शुरू करने को कहा।

इस प्रक्रिया की निगरानी हाई कोर्ट स्वयं करेगा। पोषण आहार से जुड़ी सभी याचिकाएं हाईकोर्ट की जबलपुर मुख्यपीठ में शिफ्ट करने के आदेश दिए गए हैं।

अब दो अलग फैसलों पर जबलपुर पीठ में सुनवाई

विधानसभा में मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने इस मामले को शून्यकाल में उठाया। उन्होंने पोषण आहार घोटाले की जांच रिटायर्ड हाई कोर्ट जज से कराने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एग्रो से अनुबंधित तीन कंपनियों को सरकार का संरक्षण है, इसलिए वे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं कर रही हैं।

बाद में सदन से बाहर सिंह ने मीडिया के सामने सवाल किया कि आखिर मुख्यमंत्री पर एेसा कौन सा दबाव है, जिससे वे अपनी ही घोषणा का पालन नहीं कर रहे हैं।

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