गैंगस्टर विकास दुबे का खौफ कहें या फिर उसे किसी का राजनैतिक संरक्षण है ये तो पता नहीं लेकिन अभी तक उसे एक भी मामले में सजा नहीं हुई है। बीते 3 दशक में विकास दुबे के खिलाफ 62 से ज्यादा मामले दर्ज होने के बावजूद कुछ ही मामलों में उसकी गिरफ्तारी हुई लेकिन हैरानी की बात है कि उसे किसी भी मामले में अभी तक सजा नहीं हो पाई। गिरफ्तारी के ही कुछ दिनों में वो जेल की सलाखों के बाहर निकल आता था। कानपुर के बिकरू गांव में हुए गोलीकांड में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले मोस्टवांटेड विकास दुबे पर पुलिस रिकॉर्ड में डी-124 गैंग भी दर्ज है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक विकास दुबे की गैंग डी-124 में 11 शातिर सदस्य हैं जो विकास के इशारे पर किसी की भी हत्या करने या खुद की जान देने से नहीं हिचकते। गैंग के अधिकतर सदस्यों की उम्र 30 से 40 साल है। गैंग के सभी सदस्य विकास दुबे के गांव बिकरू के ही पास के गांव तकीपुर और काशीपुर के रहने वाले हैं जो विकास का इशारा मिलते ही चंद मिनिटों में ही उस तक पहुंच जाते थे।
गैंगस्टर विकास दुबे की हिस्ट्री सीट पर एक नजर डालें तो देखेगें कि वो कितना कुख्यात अपराधी है। विकास दुबे के बड़े अपराधों की अगर बात करें तो-
थाने में राज्यमंत्री की हत्या
साल 2001 में बीजेपी सरकार में राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन संतोष शुक्ला की हत्या के मामले में भी गैंगस्टर विकास दुबे मुख्य आरोपी थी। संतोष शुक्ला की हत्या शिवली थाने में घुसकर की गई थी। हैरानी की बात तो ये है कि राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त संतोष शुक्ला की थाने में हुई सनसनीखेज हत्या के मामले में सारे गवाह मुकर गए और तो और पुलिसकर्मियों ने भी विकास दुबे के खिलाफ गवाही नहीं दी और वो बरी हो गया।
शिवली चेयरमैन के घर पर हमला
22 अक्टूबर, 2002 को शिवली नगर पंचायत के तत्कालीन चेयरमैन लल्लन वाजपेयी के घर पर बम और गोलियों से हमला किया । इस हमले में तीन लोगों की मौत हुई थी। लल्लन वाजपेयी गंभीर घायल हुए थे । इस हमले की साजिश विकास ने जेल में रहते हुए रची थी और उसके गुर्गों ने लल्लन वाजपेयी के घर पर हमला कर गोलियां और बम बरसाए थे। करीब 12 बम और 48 राउंड गोलियां बरसाई गईं थीं। शिवली के ही एक अन्य शख्स रामबाबू यादव की हत्या के मामले में भी विकास पर जेल से साजिश रचने का मुकदमा दर्ज हुआ था।
पहला मामला- किसान की हत्या
गैंगस्टर विकास पर पहला मामला साल 1994 में कन्नौज के बिल्हौर थाने में दर्ज हुआ था। तब विकास दुबे ने कन्नौज के मानीमऊ के तेजापुरवा गांव के रहने वाले किसान सरमन की हत्या कर दी थी। जमीन विवाद में हुई हत्या के इस मामले में विकास मुख्य आरोपी था लेकिन गवाहों के मुकरने के कारण उसे सजा नहीं हो पाई थी।
कॉलेज के सहायक प्रबंधक की हत्या
गैंगस्टर विकास दुबे पर साल 2000 में कानपुर देहात के शिवली थाना क्षेत्र के ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या का भी केस दर्ज हुआ था।
केबिल व्यवसायी की हत्या
साल 2004 में केबल व्यापारी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी गैंगस्टर विकास पर मामला दर्ज हुआ। रंगदारी न देने के कारण हुई दिनेश दुबे की हत्या के मामले में विकास को अभी तक सजा नहीं हुई ।