जर्जर सडक़, पेयजल संकट, स्ट्रीट लाइट तक की सुविधा नहीं मिल रही है। होशंगाबाद रोड पर 80 से ज्यादा कॉलोनियों की एप्रोच रोड जर्जर हैं। बारिश में इन सडक़ों से निकलना मुश्किल होता है।
120 से ज्यादा सडक़ों पर स्ट्रीट लाइट नहीं होने से यहां अंधेरा छाया रहा है। वार्ड क्रमांक, 52, 53 और 54 की 40 से ज्यादा कॉलोनियों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। 20 से ज्यादा कॉलोनी की सोसाइटी नर्मदा जल के लिए नगर निगम को कनेक्शन का पैसा दे चुकी हैं, पर पानी नहीं मिल रहा है। गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र की हालत भी बेहद खराब है।
सडक़ों में एक-एक फीट गहरे गड्ढे हो चुके हैं। बीते पांच साल में 300 से ज्यादा इंडस्ट्री बंद हुई हैं। 1100 से घटकर इंडस्ट्री की संख्या 800 रह गई हैं, इतनी ही इंडस्ट्री और बंद होने की कगार पर हैं। सुरक्षा के नाम पर अयोध्या बायपास क्षेत्र में पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। कटारा में नया थाना खुल गया है, लेकिन बल की कमी है।
चुनाव के प्रमुख मुद्दे
सरकार स्मार्ट सिटी बना रही है, लेकिन गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र को स्मार्ट बनाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। यहां की कनेक्टिविटी ठीक नहीं है। फायर स्टेशन पर आग बुझाने के भी पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।
होशंगाबाद रोड पर दानिश नगर को भेल संगम से जोडऩे वाली, बागमुागलिया को जाटखेड़ी से जोडऩे वाली, डीआरएम रोड से ऋषिपुरम होते हुए भेल स्वामी विवेकानंद पीठ को जोडऩे वाली मास्टर प्लान सडक़ का निर्माण तीन साल से अधर में लटका है।
सात साल में नर्मदा प्रोजेक्ट का काम पूरा नहीं हो सका है। अहमदपुर पंप हाउस की वाटर सप्लाई क्षमता कम होने के कारण होशंगाबाद रोड क्षेत्र की कॉलोनियों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। सरकार और जनप्रतिनिधियों ने घर-घर नर्मदा जल पहुंचाने का वायदा किया था।
भेल और होशंगाबाद रोड क्षेत्र में आधा दर्जन नाले हैं। नालों का पानी बारिश में तबाही मचाता है। नालों को पक्का करने के लिए सरकार ने बजट दिया है, लेकिन काम नहीं हुआ है।
सरकार को प्राथमिकता के हिसाब से डेवलपमेंट के कार्य करने चाहिए। भेल क्षेत्र के विकास को लेकर जनप्रतिनिधियों के पास कोई योजना नहीं है। नेता और अफसर यहां प्राथमिकता के हिसाब से निर्माण कार्य कराएं।
– वीरेंद्र सिंह राजपूत, बजरंग मार्केट
भेल और होशंगाबाद रोड क्षेत्र जिस गति से डेवलप हो रहे हैं, उस हिसाब से विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। होशंगाबाद रोड भोपाल का सबसे ज्यादा विकसित क्षेत्र है। जनप्रतिनिधियों को इस क्षेत्र के विकास पर ध्यान देना चाहिए। यहां विकास की बहुत संभावनाएं हैं।
– संदीप राखुंडे, व्यवसायी, साकेत नगर
ट्रैफिक व्यवस्था भेल का सबसे बड़ा मुद्दा है। पार्किंग नहीं होने को लेकर दुकानों के सामने सडक़ पर नो-पार्किंग में वाहन पार्क किए जाते हैं। सडक़ पर वाहन खड़े होने से ट्रैफिक जाम होता है, यहां मल्टीलेवल पार्किंग बननी चाहिए।
– हरीश श्रीवास्तव, शक्ति नगर भोपाल