उन्होंने कहा कि पूरे पांच साल तक सभी विधायक साथ रहेंगे। गृह मंत्री ने दावा करते हुए कहा कि सारे विधायक सीएम कमलनाथ के समर्थन में राजभवन तक परेड करने को तैयार हैं। विपक्ष भ्रम फैला रहा है।
मीडिया द्वारा पुछे गए एक-एक मंत्री को पांच-पांच विधायकों की ज़िम्मेदारी दिए जाने के सवाल पर गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि सभी मंत्रियों की ज़िम्मेदारी है कि वो विधायकों को अपने जैसा पावर देकर रखें, विकास के काम नहीं रुकने चाहिए। इसके पहले बीते रविवार को विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के सामने विधायकों का गुस्सा फूट पड़ा था।
इस दौरान अधिकतर विधायकों ने मंत्रियों की अनदेखी और अधिकारियों की अनसुनी की शिकायत की। कांग्रेस विधायक गिरिराज दंडोतिया, हरदीप सिंह डंग, सपा विधायक राजेश शुक्ला, बसपा विधायक संजीव कुशवाहा, निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा समेत कई विधायकों ने मुख्यमंत्री से कहा कि मंत्री उनसे मिलते नहीं हैं और जिले के अधिकारी भी उनके काम नहीं करते।
तबादले के बाद जो अधिकारी पहुंचे हैं, उनका रवैया भी ठीक नहीं है। वरिष्ठ विधायक केपी सिंह ने कहा कि कांग्रेस राजा, महाराजा और कमलनाथ की पार्टी में बंट गई है। यदि कांग्रेस में गुटबाजी से दूर करेंगे तभी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा होगा और सरकार भी बेहतर चलेगी। विधायकों की इस शिकायत पर कमलनाथ ने मंत्रियों को निर्देश दिए कि वे प्रभार के जिले के विधायकों की चिंता करें। उनसे मिलें, समस्याएं सुनें और दूर करें।
अधिकारियों को भी विधायकों के कामों को गंभीरता लेकर पूरे करने के निर्देश दें। जो काम मंत्री से नहीं हो रहे वो मेरे सामने लेकर आएं, मैं समस्याएं दूर करूंगा। बैठक में एक मंत्री को 4-5 विधायकों की जिम्मेदारी सौंपी गई, ये मंत्री उनसे निरंतर संवाद कर क्षेत्र की स्थिति और विकास कार्यों पर चर्चा करेंगे। इस बैठक में कांग्रेस के विधायक विशाल पटेल और मंत्री पीसी शर्मा उपस्थित नहीं थे।