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बुढ़ापे की तकलीफें दूर करने में जुटीं डॉ. सुनीता तोमर

locationभोपालPublished: Jan 22, 2019 02:26:36 pm

70-75 वर्ष में आने वाला बुढ़ापा आ रहा 50-55 में, 15 हजार से अधिक बुजुर्ग मरीजों की कर रहीं केयर

 sunita dr.

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भोपाल. होम्योपैथी में किसी बीमारी नहीं, बल्कि व्यक्ति का ट्रीटमेंट किया जाता है। हर व्यक्ति अलग-अलग होता है। गहन अध्ययन के बाद लक्षणों के आधार पर दवाएं निर्धारित की जाती हैं। शासकीय होम्योपैथिक हॉस्पिटल में काफी बुजुर्ग मरीज आते थे, जिन्हें सामान्य मरीजों की तरह ही ट्रीट किया जाता था। डॉ. सुनीता तोमर ने जब बुजुर्ग मरीजों को अलग से देखना शुरू किया और उनके परिजनों से बात की तो पता चला कि अच्छे पढ़े-लिखे लोग भी अल्जाइमर और डिमेंशिया के बारे में नहीं जानते हैं। अल्जाइमर रोग डिमेंशिया की ही एक्सट्रीम स्टेज है। बुढ़ापा कोई बीमारी नहीं है। उम्र के साथ शरीर में डिजनरेटिव चेंज होते हैं। ब्रेन की कोशिकाएं सिकुड़कर डीजनरेट होने लगती हैं। इससे बार-बार बातों को भूलना, शब्दों को सही से न मिला पाना, गैप होना, कुछ कहना और कुछ करना जैसी तमाम समस्याएं होती हैं। इसे डिमेंशिया कहते हैं। पहले यह नेचुरल प्रक्रिया 70-75 वर्ष की अवस्था में देखने में आती थी, लेकिन अब 55-60 वर्ष में ही ये लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

पीएचआइ प्रोजेक्ट के तहत भोपाल में लगभग 15000 से अधिक वृद्धजनों का हेल्थ सर्वे किया जा चुका है। इस सर्वे में पाया गया कि चार हजार वृद्धजन एक से अधिक रोगों से ग्रसित हैं। डायबिटीज, जोड़ों का दर्द, हाई बीपी, प्रोस्टेट, अस्थमा, प्रोस्टेट संबंधी विकार शामिल हैं। इसमें एक हजार से अधिक मरीजों में डिमेंशिया से पीडि़त पाए गए। डिमेंशिया को भूलने की बीमारी भी कहा जाता है। हेल्थ सर्वे के तहत वृद्धजनों की तकलीफों का डिटेल्ड कार्ड बनाकर रखा जा रहा है। इस कार्ड के आधार पर उनका समय-समय पर स्वास्थ्य चेकअप व दवाइयां दी जाएंगी।
इन्हें मिला आराम
दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के नेहरू नगर इलाके में रहने वाले एक बुजुर्ग शासकीय अधिकारी थे। बेटे भी अच्छी सेवाओं में हैं, लेकिन साथ नहीं रह पा रहे। इन बुजुर्ग को प्रोस्टेट और उनकी पत्नी डिमेंशिया, ज्वाइंट पेन से पीडि़त थीं। चलने-फिरने में असमर्थ थीं। उनकी पूरी केस हिस्ट्री को ध्यान से देखकर दवाएं दी गईं। इसके बाद उन्हें काफी राहत मिली।
हबीबगंज इलाके में एक संभ्रान्त परिवार की महिला को हाई बीपी और कमर में काफी तकलीफ थी। उनके सेना अधिकारी बेटे बाहर पोस्टेड हैं और बेटियों की शादी हो चुकी है। सभी बच्चे बहुत केयरिंग हैं, लेकिन साथ में रहने की परिस्थितियां नहीं हैं। होम्योपैथिक दवाओं से उन्हें काफी आराम है।
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