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पत्रिका टीम रविवार को उस बिल्ंिडग में पहुंची। पास में दुकान लगाने वाले रमेश लाखे ने बताया कि विधानसभा चुनाव के बाद श्वेता ने इस दफ्तर को बंद कर दिया है। श्वेता से जुड़े युवकों की तरक्की का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता कि जो युवक पहले बाइक से आते थे, वह सभी सात-आठ माह में खुद की कार से चलने लगे।
रमेश की मानें तो श्वेता तीन-चार दिन में इस दफ्तर में पहुंचती थी। श्वेता का दफ्तर एक कॉलेज संचालक के भाई की बिल्डिंग में था। अब इस भवन में एक अन्य महिला ब्यूटी पार्लर चला रही है। महिला ने बताया कि उसने चार माह पहले मकान को किराए पर लिया है। वह श्वेता को नहीं जानती है।
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आरती खुद को बताती थी डॉक्टर
आरती के बारे में पता चला कि वह छतरपुर में खुद को डॉक्टर बताती थी और वहां नेचरोपैथी क्लिनिक चलाती थी। वह छतरपुर में पंकज नामक युवक के साथ लिव इन में रहती थी। इसके बाद भोपाल आ गई। यहां श्वेता जैन के साथ नेताओं और अफसरों से मिलकर ट्रांसफर-पोस्टिंग का काम शुरू कर दिया। अपने काम में वह नई-नई लड़कियों का इस्तेमाल करती थी।
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आरती के भाई ने हरभजन को किया एसएमएस
आरती इंदौर जाती रहती थी। पुलिस ने जब उसकी गिरफ्तारी की सूचना दी तो उसका भाई आया था। वह इंदौर में पढ़ाई कर रहा है। भाई भी हरभजनसिंह को जानता था। उसने आरती की गिरफ्तारी पर सिंह को एसएमएस किया था, उसमें लिखा था, मेरी बहन आरती को छुड़वा दो। अन्य बातें भी लिखी थीं जिसकी पुलिस ने जांच कर रही है।
हरभजनसिंह से 6 घंटे पूछताछ में अफसरों ने किए 50 सवाल
पुलिस अफसरों ने शनिवार को इंदौर नगर निगम इंजीनियर हरभजनसिंह से करीब छह घंटे पूछताछ की। इस दौरान उनसे 50 सवाल पूछे गए। ठेका दिलाने पर बात की लेकिन हरभजनसिंह ने सभी आरोपों से इनकार किया। उन्होंने युवतियों द्वारा उन्हें भेजे गए पर्सनल फोटो भी पुलिस को उपलब्ध कराए। हरभजन सिंह ने अफसरों को बताया कि उन्हें गलत करने के लिए युवतियों ने उकसाया। वे पहले उन्हें अपने पर्सनल फोटो भेजती थीं। बाद में ब्लैकमेल किया, कुछ वीडियो वायरल करने का दावा कर 3 करोड़ रुपए मांगे।
रूपा सहेली, दिल्ली जाने के लिए आई थी
इन्फिनिटी होटल में आरती, मोनिका उर्फ सीमा और रूपा अहिरवार के साथ आई थी। एएसपी अमरेंद्रसिंह, सीएसपी ज्योति उमठ, टीआई शशिकांत चौरसिया की टीम ने पूछताछ की तो उसका कहना था कि रूपा सहेली है जो छतरपुर से आई थी। उसे दिल्ली जाना था। आरती 30 अगस्त को मोनिका के साथ इंदौर आ रही थी इसलिए रूपा साथ आ गई। हालांकि पुलिस को उसके बयान पर शंका है, युवती का नाम रूपा होने पर भी संशय है।
मोनिका बोली, आरती ने किया फर्जीवाड़ा
आरती के साथ जुड़़ी मोनिका ने भी कई जगह फर्जीवाड़े किए। वह जब भी किसी से मिलती तो अपना अलग नाम बताती ताकि सच्चाई सामने न आए। हरभजन सिंह से वह सीमा सोनी बनकर मिली थी। हालांकि नाम बदलने के मामले में मोनिका चुप हो जाती है। इतना जरूर कहती है कि फर्जी आधार कार्ड आरती ने बनाया। ब्लैकमेल करने के उद्देश्य से उसने हरभजन सिंह के साथ उसका वीडियो भी बनाया था।
पुलिस ने 2016 में उठाया था श्वेता विजय को
हनी ट्रैप के हाईप्रोफाइल खेल की जानकारी पुलिस को पिछले तीन सालों से थी। श्वेता विजय जैन ने 2016 में एक एडीजी रैंक के अधिकारी को अपने जाल में फंसा लिया था। तीन करोड़ रुपए ऐंठने के बाद भी जब उसका शिंकजा नहीं हटा तो आला अधिकारी के इशारे पर एटीएस ने श्वेता को उठा लिया था, लेकिन बेहद उच्च स्तर से ऐसा दबाव आया कि श्वेता को छोडऩा पड़ा। उसी समय ही सागर से लेकर भोपाल तक की कुंडली खंगाल ली थी। मामले की भनक न लगने देने के लिए उसे गुपचुप तरीके से दूर ले जाकर छोड़ दिया।