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श्वेता के साथ काम कर चुकी एक युवती ने बताया कि तीनों महिलाएं उसके लिए लाइजनिंग करती हैं। इसका कमीशन उन महिलाओं तक पहुंचता है। युवती ने बताया कि श्वेता इस खेल में माहिर है। वह शिकार के लिए खिलाड़ी बदलती रहती है, मगर उसका खेल नहीं बदलता। मालूम हो कि इस युवती ने एक बड़े कारोबारी पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। तब वह इनकी गिरोह में शामिल थी। समझौते में मिली रकम के बंटवारे को लेकर श्वेता गिरोह से उसका विवाद हो गया था। इसके बाद से वह अलग होकर खुद अपना काम करने लगी थी।
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अफसरों को है श्वेता से दोस्ती की जानकारी : श्वेता से दोस्ती करने वाली तीनों महिलाओं के पतियों को उसके साथ दोस्ती की जानकारी है। इनमें से एक अफसर को उसकी पत्नी ने ही श्वेता के घर पर पकड़ लिया था। हंगामा भी हुआ। बाद में पत्नी का भरोसा जीतने के लिए अफसर ने श्वेता को मुंहबोली बहन बताकर उसका परिचय कराया था। इसके बाद से श्वेता व अफसर की पत्नी की गहरी दोस्ती हो गई। अफसर की इस पत्नी के जरिए उसने दो अफसरों की पत्नियों से दोस्ती गांठ ली। फिलहाल यह अफसर मंत्रालय में पदस्थ हैं।
शिकार व्यापारी की पीड़ा: कंगाल कर छोड़ा
मेरा एमपी नगर जोन-2 में कारोबार है। करीब 8 माह पहले डीबी मॉल के पब में एक युवती से मिला। हमारे बीच गहरी दोस्ती हो गई। युवती ने मार्च 2019 में मुझे मिनाल रेसीडेंसी में अपने डुप्लेक्स पर बुलाया। दोनों के बीच सहमति से संबंध बने। बाद में अयोध्या नगर थाने से फोन आया कि युवती ने तुम्हारे खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत की है।
मैं डर गया। मंैने युवती को फोन लगाया तो उसने कहा कि वीडियो डिलीट करने के लिए 30 लाख रुपए देने होंगे। मैं तैयार हो गया। बाद में 16 लाख रुपए एक पुलिसकर्मी ने लिए, जबकि बाकी रकम युवती के साथ आए युवक ने रखी। मैं अब कंगाल हो चुका हूं। करीब 25 दिन पहले इसी युवती ने निशातपुरा थाने में इंद्रपुरी के एक व्यापारी पर मामला दर्ज कराया है।
श्वेता की कहानी: दो सेवादारों की जुबानी
मैं छह महीने से श्वेता मैडम की मालिश कर रही हूं। मुझे उन्होंने सिर्फ इसी के लिए रखा था। मेरे हाथ में कोई खरोंच नहीं आए इसलिए घरेलू काम नहीं कराती थीं। रोजाना सुबह डेढ़ घंटे मालिश के बाद नहाकर कार से निकल जाती थीं। वह इस तरह के काम करती थीं, जानकारी नहीं थी। आज पता चला कि मैडम को पुलिस ने पकड़ लिया है।
-शांति बाई
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मुझे घर की साफ-सफाई के लिए रखा था। 800 रुपए महीना वेतन देती थीं। वे हम लोगों से वह बहुत कम बात करती थीं। मालिश कराने के लिए उन्होंने अलग ही कमरा बना रखा है। उनके घर पर आने-जाने वाले लोगों को मैं नहीं पहचानती। मैडम के पति बहुत शांत हैं। वह कभी-कभार मैडम से पहले घर से निकल जाते थे। मैडम का बेटा ज्यादातर घर में रहता है। -विनिता बाई
जिला जेल में कैदियों ने खूब दिए ताने
पुलिस ने किस आरोप में पकड़ा, आरोपी महिलाएं बन रहीं अनजान
ऐशोआराम की जिंदगी जीने वाली तीनों आरोपियों को जेल में बिताई एक ही रात बहुत भारी पड़ गई। चर्चित हनी ट्रैप मामले में गिरफ्तार की गईं श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी और श्वेता विजय जैन को जिला जेल में रखा गया है। यहां महिला कैदियों के ताने सुन कर वे फूट-फूटकर रोने लगीं।
जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी ने बताया, जेल में उन्हें अलग-अलग महिला बैरक में रखा गया है। आम कैदी की तरह ही भोजन व अन्य सुविधाएं दी गईं। जेल के कंबल और दरी पर रात गुजारने के बाद सुबह जब उन्हें जेल अधिकारी के सामने पेश किया तो चेहरे पर शिकन तक नहीं थी। पूछताछ में उन्होंने खुद को बेकसूर बताया। उनका कहना था कि पुलिस ने उन्हें किस आरोप में गिरफ्तार किया है, यह भी उन्हें नहीं पता।
हनी ट्रैप का खुलासा होने के बाद भी आरोपी महिलाओं के परिचित भोपाल से लेकर इंदौर तक सक्रिय रहे। शनिवार सुबह तीनों से मिलने 10 से 15 लोग अलग अलग गाडिय़ों में भोपाल से इंदौर पहुंचे। जेल स्टाफ ने उन्हें बताया कि औपचारिक पूछताछ चल रही है, इस वजह से अभी उनसे नहीं मिलाया जा सकता। काफी देर तक वे सिपाहियों को मुलाकात कराने के लिए मनाते रहे, लेकिन उन्हें बिना मिले ही लौटना पड़ा। वे तीन महिलाओं के लिए कुछ सामान भी लाए थे, लेकिन उन्हें दे नहीं सके।
बेटे के दोस्तों के परिवारों ने बनाई दूरी
हनी ट्रैप की मुख्य आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन का बेटा एक निजी स्कूल में पढ़ता है। बेटे के क्लासमेट की माताओं ने सूचना के आदान-प्रदान के लिए वॉट्सएप पर एक ग्रुप बना रखा है, जिसमें श्वेता भी जुड़ी हुई है। ग्रुप की महिलाओं ने श्वेता को रिमूव कर दिया है। महिलाओं को यह भी भय सता रहा है कि कहीं, पुलिस उनसे पूछताछ न करे। हालांकि ग्रुप की किसी भी महिला सदस्य को इस बात की भनक नहीं थी कि श्वेता ब्लेकमैलिंग जैसे कामों में लिप्त थी।
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नाम न छापने के अनुरोध पर ग्रुप की महिलाओं ने बताया कि श्वेता का बेटा पढऩे में तेज है। इन्होंने बताया कि पैरेंट्स मीटिंग में श्वेता हाई प्रोफाइल तरीके से ही स्कूल में पेश आती थी। कई महिलाओं को तो वह अपने से कमतर तक आंकती थी, इसलिए ग्रुप में जुड़ी महिलाओं की सिर्फ बेटे और स्कूल की गतिविधियों को लेकर ही चर्चा होती थी। उन्होंने बताया कि श्वेता वैसे भी व्हाट्सप ग्रुप पर कम सक्रिय रहती थी।
इधर, बरखा सोनी भटनागर और श्वेता विजय जैन व श्वैता स्वप्निल जैन के बेहद करीबी दोस्तों ने भी दूरी बना ली है। इनके ज्यादातर परिचितों के फोन बंद आ रहे हैं। तीनोंके दोस्त भूमिगत है। उनके करीबी दोस्तों ने सोशल मीडिया से भी दूरी बना ली है।