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हनीट्रैप मामले की आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन की जान को खतरा, जांच के आदेश

locationभोपालPublished: Nov 10, 2019 02:20:46 pm

Submitted by:

Faiz

पेशी के दौरान श्वेता जैन के वकील विवेक चौधरी ने न्यायधीष के सामने उनकी तबियत खराब होने की दलील दी, साथ ही उसपर पर्याप्त उपचार ना मिलने की बात कही।

honeytrap case

हनीट्रैप मामले की आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन की जान को खतरा, जांच के आदेश

भोपाल/ मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप कांड की मुख्य आरोपियों में से एक श्वेता स्वप्निल जैन को कोर्ट में पेश किया गया। एक दिन के रिमांड के बाद एक बार फिर एसआईटी ने उन्हें भोपाल जिला कोर्ट में पेश किया। पेशी के दौरान श्वेता जैन के वकील विवेक चौधरी ने न्यायधीश के सामने उनकी तबियत खराब होने की दलील दी, साथ ही उसपर पर्याप्त उपचार ना मिलने की बात कही। श्वेता के वकील ने आरोप लगाते हुए कहा कि, जेल में उन्हें पर्याप्त उपचार नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि, श्वेता का उपचार जेल से बाहर करवाया जाए। उन्होंने दलील देते हुए कहा कि, बीमारियों में पर्याप्त इलाज ना मिलने से श्वेता की जान को खतरा हो सकता है।

श्वेता के वकील की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने जेल प्रधान को आदेश देते हुए कहा कि, इसपर स्पष्ट जांच कराएं कि, आखिर आरोपी को पर्याप्त उपचार क्यों नहीं मिल पा रहा है। वकील के मुताबिक, न्यायधीश ने आरोपी श्वेता जैन की संबंधित सभी जांचे कराने और संभव इलाज की पर्याप्त व्यवस्था कराने की भी बात कही है। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि, अगर इन सारी जांचों और उपचार की पर्याप्त व्यवस्था जेल में नहीं हो सके, तो उसे बाहर करवाएं। फिलहाल, श्वेता जैन को जूडीशियल रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। बता दें कि, मानव तस्करी के केस में श्वेता की आज फिर पेशी हुई थी।

 

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कल हो चुकी है श्वेता विजय जैन और आरती दयाल की पेशी

वहीं, मंगलवार को हनीट्रैप कांड की मुख्य आरोपी श्वेता विजय जैन और आरती दयाल की पांच दिन के रिमांड के बाद एक बार फिर कोर्ट में पेशी हुई थी। इन दोनो आरोपियों को भी मानव तस्करी के मामले में कोर्ट में पेश किया गया था। इसी सिलसिले में दोनो से पूछताछ के लिए रिमांड पर भी भेजा गया था। उससे एक दिन पहले आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन की भी इसी सिलसिले में पेशी हो चुकी है। जहां से उन्हें भी रिमांड पर भेजा गया था।

बता दें कि, मध्य प्रदेश के इस बहुचर्चित हनीट्रैप कांड की जांच और रिमांड एसआईटी और सीआईडी की संयुक्त टीमें कर रही हैं। रविवार को हुई पूछताछ में गैंग की सदस्य महिलाओं से पूछताछ सामने आया था कि, रसूखदारों को हनीट्रैप के जाल में फंसाने के लिए सिर्फ वही काम नहीं करती थीं, बल्कि इसमें कॉलेजों की सुंदर छात्राओं का भी इस्तेमाल किया जाता था। कोर्ट में पेश किये जाने से पहले तक हुई पूछताछ में CID को राजगढ़ की एक छात्रा समेत राजधानी भोपाल के अलग अलग कॉलेजों की करीब 6 छात्राओं की जानकारी मिली थी। हालांकि, आरोपी महिलाओं से पूछताछ अलग अलग तरीकों से एक बार फिर शुरु हो गई हैं। पूछताछ टीम को संदेह है कि, आने वाले समय में कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।

 

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कॉलेज छात्राओं को दिया जाता था ये काम

पूछताछ में सामने आया था कि, गैंग की महिलाएं सुंदर दिखने वाली इन नई नवेली कॉलेज छात्राओं को रसूखदारों की पूरी जानकारी मुहैय्या कराती थीं। फिर इनका काम होता था, उन तक पहुंच बनाकर उन्हें अपने जाल में फंसाना। इसके बाद गैंग की मुख्य आरोपी महिलाएं योजनाबद्ध ढंग से अधिकारियों या रसूखदारों को हनीट्रैप के जाल में फंसा लेती थीं। सीआईडी अब उन छात्राओं का बायोडाटा इक्ट्ठा करके उन तक पहुंच बनाने में जुटी हुई है।

जब से इस बहुचर्चित हनी ट्रैप कांड के साथ मानव तस्करी का चौंकाने वाला मामला भी उजागर हुआ है, तभी इस मामले की जांच पुलिस और एसआईटी के अलावा सीआईडी को भी सौंप दी गई है। जांच के दौरान सीआईडी ने मानव तस्करी में भोपाल और छतरपुर में रहने वाली दो महिलाओं को आरोपी बनाया है। हनी ट्रैप में फंसी राजगढ़ की आरोपी छात्रा के पिता की शिकायत पर इंदौर पुलिस ने जीरो पर दोनों महिला आरोपियों पर मानव तस्करी की एफ.आई.आर दर्ज कर केस डायरी भोपाल के अयोध्या नगर थाने भेजी थी। तभी से एक बार फिर दोनों महिलाओं को सीआईडी ने रिमांड पर ले रखा है और अपने ढंग से पूछताछ शुरु कर दी है। सूत्रों की माने इस पूछताछ में आरोपी महिलाओं कई ऐसे चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं, जिसे उजागर भी नहीं किया जा सकता।

 

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IAS अफसर ने ख़रीद कर दिया था फ्लैट

महिलाओं से हुई अन्य अन्य पूछताछ में सामने आया कि, गैंग का एक फ्लैट भोपाल के अयोध्या नगर इलाके में भी है। यहीं से गैंग रसूखदारों को हनीट्रैप में फंसाने और छात्राओं लाकर रखने का काम करती थी। इसी फ्लैट में राजगढ़ की छात्रा को रखा गया था। छात्राओं को यहीं से रसूखदारों को फंसाने के लिए भेजा जाता था। आरोप तो यहां तक लगा है कि, महिलाओं को ये फ्लैट भी एक आईएएस अधिकारी ने छतरपुर की आरोपी महिला को दिलाया था।

 

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इस तरह पहले छात्राओं से की जाती थी डील

पूछताछ में सामने आया है कि, सबसे पहले महिलाओं ने राजगढ़ की छात्रा से संपर्क साधा, जो पढ़ाई के लिए भोपाल ही में रहती थी। उसके बाद अलग अलग कॉलेजों की ऐसी छात्राओं से संपर्क साधा, जो सुंदर तो हों, लेकिन शहर में रहने वाले दोस्तों के बीच अपना स्टेटस मेंटेन नहीं कर पाती हों। आरोपी महिलाओं द्वारा ऐसी छात्राओं की पहले योजनाबद्ध रूप से रेकी की जाती थी, फिर इनसे संपर्क कर उन्हें कम समय में ज्यादा पैसा कमाने का लालच देकर बहलाया फुसलाया जाता था। जो छात्राएं इनके झांसे में आ जाती थीं, उन्हें अयोध्या नगर स्थित फ्लैट पर ही हनीट्रैप का खेल समझाया जाता था। पूछताछ में सामने आया है कि, ये छात्राएं भोपाल के ही कॉलेजों में पढ़ाई करती थीं या अब भी कर रही हैं। छात्राओं के जरिये योजना के तहत कई रसूखदारों को इसी फ्लैट में लाकर हनीट्रैप का शिकार बनाया जाता था। जानकारी मिली है कि, इस खेल में एक आईएएस अफसर भी शामिल हो सकता है।

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