कई ऐसे निर्माण हुए जिन्हें कई बार तोड़कर किसी दूसरी योजना के तहत काम हुआ। आमलोगों के पैसों की बर्बादी के साथ ये मुसीबत साबित हो रहे हैं। अस्सी फीट रोड पर राहगीरों की आवाजाही के लिए मुख्य सड़क किनारे फुटपाथ का निर्माण किया गया।
शहर में कई स्थानों पर नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और सीपीए के जरिए इन्हें बनाया गया। लेकिन ये फुटपाथ नाले की ओर ढह रहा है। आवाजाही मुश्किल हो गई। इसके बाद भी सुधार पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। कुछ साल पहले यहां पेवर्स ब्लॉक लगाए गए। इसके निर्माण पर लाखों रुपए खर्च हुए। आसपास के दुकानदारों ने बताया कि निर्माण के दौरान गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया।
ये फुटपाथ नाले से लगकर बनाया गया। सपोर्ट सही न होने से कुछ हिस्सा नाले की ओर ढहने लगा है। इसके अलावा शेष बचे हिस्से पर कई जगह दुकानें लग रही हैं। अस्थाई कब्जों के कारण लोग मुख्य सड़क से गुजर रहे हैं। हादसों की आशंका है। समाजसेवी उमाशंकर तिवारी ने बताया कि जो निर्माण कार्य हो रहे उनके लिए संबंधित जिम्मेदारों के पास कोई ठोस प्लानिंग ही नहीं इसी के कारण फिजूल खर्ची बढ़ रही है।
होशंगाबाद रोड किनारे बावडिय़ा कला में ओवर ब्रिज निर्माण के दौरान सर्विस रोड गायब हो गई। इसी से लगाकर निर्माण कर दिया गया। इतना ही नहीं साइकिल जिस पर करोड़ों रुपए खर्च हुए वह भी ब्रिज निर्माण वाले इस हिस्से में टूट फूट रहा है।