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11 अगस्त को करें ये एक उपाय, जो आपको शनि ही नहीं सूर्यग्रहण के बुरे प्रभाव से भी बचाएगा!

locationभोपालPublished: Aug 10, 2018 05:25:07 pm

हरियाली अमावस्या को ऐसे प्रसन्न करें देव बदल जाएगी किस्मत छा जाएंगी खुशियां!…

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11 अगस्त को करें ये एक उपाय, जो आपको शनि ही नहीं सूर्यग्रहण के बुरे प्रभाव से भी बचाएगा!

भोपाल/रायसेन। इस माह 11 अगस्त, शनिवार को एक विशेष संयोग बनने जा रहा है। दरअसल इस बार 11 अगस्त को शनिवार के दिन अमावस्या पड़ने के साथ ही इसी दिन सूर्य ग्रहण भी लगेगा। इसके अलावा इस दिन हरियाली अमावस्या का त्योहार भी है।
इसके चलते मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित रायसेन व अन्य जिलों में भी हरियाली अमावस्या और शनिश्चरी अमावस्या शनिवार को श्रद्धाभक्ति के माहौल में धूमधाम से मनाई जाएगी। जानकारों के अनुसार एक साथ दोनों पडऩे से साढ़े साती व शनि ढ़ैया से प्रभावित लोगों को हवन, जाप पूजापाठ कराने से फायदा मिलेगा।
दरअसल ज्योतिष में शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या का विशेष महत्व होता है। जिसे शनैश्चरी अमावस्या कहा जाता है।

शास्त्रों में शनि अमावस्या का विशेष प्रभाव पड़ता है जिसकी कुंडली में शनि की अशुभ छाया और पितृ दोष होता है इस दिन कुछ उपाय को करने से यह दोष कम हो जाता है।
ये कार्य करने चाहिए…
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार वैसे तो शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के असर को कम करने के लिए शनि अमावस्या पर शनि के बीज मंत्र ऊं प्रां प्रौं स: शनैश्चराय नम: और ऊं शं शनैश्चराय नम: का जप करने के बारे में बताया गया है।
– इस दिन उड़द दाल और तिल के तेल का दान करना चाहिए इससे पितृ दोषों से छुटकारा मिल जाता है।
– शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए शनि अमावस्या पर जूते-चप्पल का दान शुभ माना जाता है। इसके अलावा शमी के पेड़ की पूजा करना भी फलदायी होगा।
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– मान्यता है कि जो भक्त हनुमान जी की पूजा करते हैं उन्हें शनि देव कभी भी पीड़ा नहीं पहुंचाते। शनि अमावस्या पर तेल चढ़ाने और दीपक जलाने से शनि दोष और पितृदोष आसानी से दूर हो जाता है।
– शनि अमावस्या के दिन काली गाय की सेवा करने से शनि दोष से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन काली गाय को रोटी खिलाएं और माथे पर सिंदूर लगाएं।
– शास्त्रों में पीपल के पेड़ पर देवताओं का वास माना गया है। ऐसे में शनि के दोष से मुक्ति पाने के लिए शनि अमावस्या पर पीपल पर जल और दीपक अर्पित करें।
खास उपाय…
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार एक ऐसा उपाय है, जिसे इस दिन करने से न केवल आपके जीवन का काला घना अंधेरा दूर होगा बल्कि नकारात्मक विचार भी दूर होकर आपमें सकारात्मकता वास होने लगेगी।
ये उपाय आपको सूर्यग्रहण के साथ ही शनि के दुष्प्रभावों से भी बचाएगा, उनके अनुसार इसके लिए हरियाली अमावस्या को शाम के बाद यानि रात की शुरूआत में हनुमान मंदिर में जाकर चमेली के तेल का दीया लगाएं और श्रीराम के मंत्र का 108 बार जाप करें।
ये है श्रीराम का मंत्र-
ॐ आपदामपहर्तारम दातारं सर्वसम्पदाम्,
लोकाभिरामं श्री रामं भूयो-भूयो नामाम्यहम!
श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे,
रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नम:!

माना जाता है कि हरियाली अमावस्या की रात में इस उपाय को करने से न केवल उपाय करने वाले की किस्मत चमकती है बल्कि ये कर्म उसके जीवन में उजियारा भी लेकर आएगा। जिसके बाद घर में सुख-शांति के साथ-साथ जीवन खुशियों से भर जाएगा।
रायसेन में यहां तैयारियां हुईं पूरी: वहीं रायसेन में इस शनिश्चरी अमावस्या को लेकर शहर के नवग्रह शनिदेव मंदिरधाम ,शनि मंदिर न्यू दशहरे मैदान में शनिश्चरी अमावस्या को लेकर तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। धर्मशास्त्री पंडित ओमप्रकाश शुक्ला सौजना ,पं.राममोहन चतुर्वेदी,मुकेश भार्गव औरनवग्रह शनिदेव मंदिर के पुजारी पंडित राजू जोशी ने बताया कि सावन महीने की हरियाली अमावस्या व शनि अमावस्या एक ही दिन पडऩे से इनका महत्व कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है।
इस दिन जाप हवन और पूजा पाठ का विशेष महत्व रहेगा। जिन जातकों वर्तमान मेें शनि की चाल से नकारात्मक रूप से प्रभावित है। विशेष कर जिनप जातकों की कुंडली में शनि की महादशा,अंतरदशा और प्रत्यंतर दशा चल रही है। जिन्हें किसी भी तरह का कष्ट शनिदेव के कारणों से पहुंच रहा है। वो जातक शनि व भगवान शिवशंकर की पूजन आराधना करेंगे तो कष्टों का निवारण हो जाएगा।
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श्रावण मास की हरियाली अमावस्या के पावन अवसर पर देव पूजन, जंगलदेव बाबा की पूजन का बड़ा महत्व बताया जाता है।सुबह से ही सनातन धर्म के लोग पूजा की थाली लेकर देवी देवताओं के स्थलों पर जाएंगे।
जहां वे पूरे विधि विधान पूर्वक नारियल,चना चिरौंजी प्रसाद सहित पकवानों का भोग लगाकर अगरबत्ती धूप हवन में छोड़कर पूजा अर्चना कर आरती करेंगे। यह सिलसिला सुबह से प्रारंभ होकर देर शाम तक चलता रहे गा। घरों में ही शाम के समय हरियाली अमावस्या के उपलक्ष्य में देव स्थलों पर पूजन आरती की जाएगी।
पकवानों का भोग प्रसाद आदि अर्पित कर परिवार की सुख समृद्धि पशु धन की रक्षा की कामना देवी देवताओं से की जाएगी। इसके अलावा जंगलबाबा की पूजन कर पशुओं पर संकट टालने की मन्नतें भी की जाएंगी।
नवग्रह शनिदेव मंदिर के पुजारी पं.जोशी ने बताया कि शनिदेव भगवान को व्याय और कर्मों का फल देने का अधिकारीभी बताया जाता है।वर्तमान में वृश्चिक,धनु, मकर राशि शनि की साढ़े साती और वृषभ और कन्या राशि पर शनिदेव की ढ़ैया चल रही है।हवन जाप कराने से शनिदेव के कष्ट दूर होंगे।

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