शहर में अवधपुरी, कोलार रोड, होशंगाबाद रोड की कॉलोनियों, अशोकागार्डन, सुभाष नगर, ओल्ड भोपाल सहित कई क्षेत्रों में यह ट्रेंड देखने को मिल रहा है। कई लोग अपने मकान को रिनोवेट कराकर टाइल्स लगवा रहे हैं। उनका कहना है कि इसमें खर्च भी लगभग उतना ही आता है जितना प्लास्टर करवाने और उसे पेन्ट कराने में आता है। केवल अंतर इसमें आता है कि आप कौन से टाइल्स लगवाते हैं। टाइल्स की पेटी 200 से 1000 रुपए में मिलती है। डिजाइनर बड़े टाइल्स 4 से 8 हजार रूपए तक में मिलते हैं।
सर्दी हो या गर्मी घर में रहता है एक जैसा वातावरण
सुभाष नगर में अपने पूरे घर में बाहर-अंदर टाइल्स लगवाने वाले अंकित गोयल ने बताया कि, बड़ा फायदा यह है कि पूरे साल घर के अंदर एक जैसा वातावरण रहता है। पहले हमने सिर्फ एक कमरे में टाइल्स लगवाए थे। फिर गर्मियों में देखा कि टाइल्स वाला कमरा ठंडा रहता है। इसके सभी कमरों में टाइल्स लगवाए। अब सर्दियों में भी उनका घर अंदर से ज्यादा ठंडा नहीं रहता।
संक्रमण रहित करना हुआ आसान, पुताई का खर्च नहीं
घर में टाइल्स लगवाने वाले सुशील अग्रवाल ने बताया कि पहले घर की पुताई कराने पर हर साल 50 हजार रुपए से ज्यादा खर्च करना पड़ते थे। अब केवल 4-5 हजार रूपए में पूरे घर की अच्छी सफाई हो जाती है। इसके साथ कोरोना संक्रमण के समय पूरे घर को संक्रमण रहित करना भी आसान हो गया है। स्प्रे मशीन से ही अंदर-बाहर आसानी से छिड़काव कर संक्रमण रहित किया जा सकता है।
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विशेषज्ञ बोले
देखरेख जरूरी: स्ट्रक्चरल इंजीनियर अब्दुल मजीद के अनुसार अपने शौक के अनुसार लोग टाइल्स लगवा रहे हैं। इससे निश्चित तौर पर पुताई का हजारों का खर्च बचता है, लेकिन इसमें देखरेख की ज्यादा जरूरत है। यदि टाइल्स चिकने हैं तो अंदर नमी भी जम सकती है इसकी लगातार सफाई भी जरूरी है।