बारिश का दौर खत्म होने के बाद मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा भी बढ़ गया है। पूरे प्रदेश में अनुमानित दो हजार से अधिक मरीज डेंगू से प्रभावित हैं। जबकि निजी अस्पतालों में इससे भी अधिक मरीज हो सकते हैं। जबलपुर में भी 168 मरीज मिलने से सनसनी फैल गई है। मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति और दो जज भी डेंगू की चपेट में आ चुके हैं।
भोपाल में ‘डेंगू से मुक्ति’ कब
-भोपाल में जनवरी से अब तक डेंगू के 746 मरीज और 44 हजार से अधिक घरों से लार्वा मिल चुका है।
-स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट एक्शन में आए तो अधिकारी भी इस स्थिति से निपटने के जुट गए।
-भोपाल में 35 हजार प्लाट खाली पड़े हैं, जिनमें गंदगी भरी पड़ी है, यही कारण है कि उसमें मच्छर पनप रहे हैं।
-अब तक डेंगू के 710 मरीज मिले, चिकनगुनिया के 145 मरीज मिले। साथ ही मलेरिया के 80 मरीज भी मिल चुके हैं।
-सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में इस साल डेंगू का संक्रमण अधिक है।
-मंत्री ने चेतावनी दी है कि ‘डेंगू से मुक्ति’ के लिए तेज गति से प्रयास किए जाएं। शहर के खाली प्लाट जिन पर गंदा पानी जमा हो गया है, कचरा जमा होता है, उन्हें नोटिस दिया जाएगा और पेनल्टी लगाई जाए।
-स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने यह निर्देश मध्यप्रदेश के सभी कमिश्नर और कलेक्टरों को दिए हैं।
जबलपुर में मिले 168 मरीज
मध्यप्रदेश में इस साल 15 अक्टूबर तक 168 मरीज डेंगू के मिल चुके हैं। जबकि सन 2017 में इनकी संख्या 130 थी। इस वर्ष जनवरी से 15 अक्टूबर तक डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या 168 पहुंच गई है जो 2017 में 130 थी।
-सागर जिले में शनिवार तक 29 मरीज डेंगू से पीड़ित आ चुके हैं। मलेरिया अधिकारी साजिया तब्बसुम के मुताबिक पूरे शहर में लोगों के घरों में लार्वा मिल रहा है। दवा का छिड़काव किया जा रहा है।
-शिवपुरी जिले में भी डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या 6 पहुंच गई है। पिछले साल यहां एक दर्जन से अधिक मरीजों की मौत डेंगू से हो चुकी है।
घर-घर चल रहा है जागरूकता अभियान
भोपाल में लाखों घरों में हुए सर्वे के बाद दवा का छिड़काव किया जा रहा है। कई घरों से लार्वा भी मिला है, जहां पेनल्टी की कार्रवाई की जा रही है। मलेरिया विभाग समेत स्वास्थ्य विभाग का अमला डेंगू से मुक्ति के लिए घर-घर पहुंचकर लार्वा की पहचान कर रहा है और लोगों को जागरूक करने का काम भी कर रहा है।
-साधारण बुखार और डेंगू के लक्षण में अंतर करना मुश्किल होता है।
-डेंगू एक वायरल फीवर है, मादा मच्छर के काटने से होता है।
-मच्छर के काटने के 4-7 दिन के बाद डेंगू के लक्षण दिखने लगते हैं।
-बदन टूटना, जोड़ों, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द।
-जी मिचलाना, घबराहट होना।
-शरीर पर चकत्ते अथवा रैशेस नजर आना।
-आंख के पिछले हिस्से में दर्द महसूस होना। दर्द बढ़ते जाना।
-डेंगू के मरीजों को थकावट ज्यादा लगती है।