विभिन्न दलों के लिए सोशल मीडिया का काम कर चुके दीक्षांत सूर्यवंशी ने बताया कि सोशल मीडिया रीच मॉडल किसी को प्रचारित करने के लिए होता है। अकाउंट्स-पेज बड़े नेताओं, उनके फैंस के नाम से होते हैं। इसमें पार्टियां सीधे तौर पर ऐसे अकाउंट होल्डर से संपर्क नहीं करतीं। पार्टियों और नेता के लिए काम करने वाली टीमें व पीआर एजेंसियां इनसे संपर्क कर मदद लेती हैं। कंटेंट के बदले में अकाउंट्स वालों को रुपए मिलते हैं।
– ज्योतिरादित्य सिंधिया: सिंधिया का नाम फेसबुक पर टाइप करने से 10 से अधिक पेज आ जाते हैं।
– कमलनाथ: पूर्व मुख्यमंत्री के नाम से फेसबुक पर 12 से ज्यादा पेज बने हुए हैं। इनमें हर पेज में कमलनाथ की तस्वीर लगी हुई है।
– नरोत्तम मिश्रा: गृहमंत्री का नाम जब आप फेसबुक पर टाइप करेंगे तो वैरिफाइड अकाउंट के साथ 5 और अकाउंट हैं, लाखों लोग जुड़े हुए हैं।
– जीतू पटवारी: पटवारी के नाम से फेसबुक पर 6 से ज्यादा पेज चलाए जा रहे हैं। उनकी फोटो भी लगी है।
सोशल मीडिया एक्सपर्ट बताते हैं कि वैरिफाइड अकाउंट पर ब्लू टिक होते हैं। अगर किसी नेता के फैंस क्लब की ओर से आपत्तिजनक कंटेंट दिया जा रहा है तो रिपोर्ट करनी चाहिए। साथ ही लोकल पुलिस को सूचना दें। कई बार भड़काऊ पोस्ट बड़ा रूप भी ले लेती है।
वहीं दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सीएम के उन्हें भाजपा में
आने का न्यौता देने वाले बयान पर तंज कसा है। यादव बोले, ‘हम आ रहे हैं, किंतु भाजपा के साथ नहीं, कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सत्ता बना कर आएंगे, तब आपका क्या होगा? ‘मेरी राजनीतिक अंकसूची में उपनाम के आगे ‘यादव’ लिखा जाता है, ‘शिंदे-सिंधिया’ नहीं। कांग्रेस मेरी मां है।