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MP चुनाव: ऐसे पहचानें फेंक न्यूज को,मध्यप्रदेश में बड़े नेताओं के नाम से चल रहे कई फेसबुक पेज

locationभोपालPublished: Jun 30, 2022 12:24:17 pm

जनाब! ज्ञान जहां से भी मिले बटोर लीजिए, पर पहले टटोल लीजिए

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भोपाल@रूपेश मिश्रा

चुनावी माहौल में सोशल मीडिया ने फर्जी खबरों-अफवाहों को पंख लगा दिए हैं। कोई खुद को राष्ट्रभक्त बताकर कंटेट बेच रहा है तो कोई दिग्गज नेताओं के नाम पर फर्जी पेज बनाकर वोट मांग रहा है। कई नेताओं के नाम से फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर कई-कई अकाउंट्स चल रहे हैं।

फेक न्यूज पर रिसर्च कर चुके अस्सिटेंट प्रो. सूर्यप्रकाश के मुताबिक, मध्यप्रदेश इस वक्त पीआर कंपनियों के टारगेट पर है। वजह, निकाय-पंचायत चुनाव हैं। इसके बाद विधानसभा चुनाव के लिए माहौल बनने लगेगा। ऐसे में लोग चुनावी खबरों में ज्यादा रुचि रखते हैं। लिहाजा फेक पेज-अकाउंट्स चलाने वाले सक्रिय हो जाते हैं। अभी लोगों को जोड़कर इसका फायदा विधानसभा चुनाव में लिया जाएगा।

फेक अकाउंट्स वालों से सीधा संपर्क नहीं
विभिन्न दलों के लिए सोशल मीडिया का काम कर चुके दीक्षांत सूर्यवंशी ने बताया कि सोशल मीडिया रीच मॉडल किसी को प्रचारित करने के लिए होता है। अकाउंट्स-पेज बड़े नेताओं, उनके फैंस के नाम से होते हैं। इसमें पार्टियां सीधे तौर पर ऐसे अकाउंट होल्डर से संपर्क नहीं करतीं। पार्टियों और नेता के लिए काम करने वाली टीमें व पीआर एजेंसियां इनसे संपर्क कर मदद लेती हैं। कंटेंट के बदले में अकाउंट्स वालों को रुपए मिलते हैं।
नेताओं के कई-कई पेज चल रहे
– ज्योतिरादित्य सिंधिया: सिंधिया का नाम फेसबुक पर टाइप करने से 10 से अधिक पेज आ जाते हैं।
– कमलनाथ: पूर्व मुख्यमंत्री के नाम से फेसबुक पर 12 से ज्यादा पेज बने हुए हैं। इनमें हर पेज में कमलनाथ की तस्वीर लगी हुई है।
– नरोत्तम मिश्रा: गृहमंत्री का नाम जब आप फेसबुक पर टाइप करेंगे तो वैरिफाइड अकाउंट के साथ 5 और अकाउंट हैं, लाखों लोग जुड़े हुए हैं।
– जीतू पटवारी: पटवारी के नाम से फेसबुक पर 6 से ज्यादा पेज चलाए जा रहे हैं। उनकी फोटो भी लगी है।
शिकायत करें, बंद हो जाएगा अकाउंट
सोशल मीडिया एक्सपर्ट बताते हैं कि वैरिफाइड अकाउंट पर ब्लू टिक होते हैं। अगर किसी नेता के फैंस क्लब की ओर से आपत्तिजनक कंटेंट दिया जा रहा है तो रिपोर्ट करनी चाहिए। साथ ही लोकल पुलिस को सूचना दें। कई बार भड़काऊ पोस्ट बड़ा रूप भी ले लेती है।
इधर, अरुण यादव बोले- ‘मेरा उपनाम यादव है, सिंधिया-शिंदे नहीं’
वहीं दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सीएम के उन्हें भाजपा में
आने का न्यौता देने वाले बयान पर तंज कसा है। यादव बोले, ‘हम आ रहे हैं, किंतु भाजपा के साथ नहीं, कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सत्ता बना कर आएंगे, तब आपका क्या होगा? ‘मेरी राजनीतिक अंकसूची में उपनाम के आगे ‘यादव’ लिखा जाता है, ‘शिंदे-सिंधिया’ नहीं। कांग्रेस मेरी मां है।
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