अभिभावकों में शामिल शैलेष बाबा ने बताया कि, सागर पब्लिक स्कूल में 23 नवम्बर से ऑनलाइन क्लास पूरी तरह बंद कर दी गई है। अभिभावकों से कोई सहमति भी नहीं ली गई। अभिभावक कोरोना संक्रमण और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चितिंत है, लेकिन उनके सामने कोई विकल्प भी नहीं छोड़ा गया है। ऐसे में हमने अनुरोध किया है कि जब तक पूर्ण टीकाकरण नहीं हो जाता कलेक्टर ऑनलाइन क्लास नियमित रूप से जारी करने के आदेश दें और परीक्षा भी ऑनलाइन कराना सुनिश्चित करने की कृपा करें।
इन राज्यों में संक्रमित हो रहे बच्चे, फिर भी एमपी में खुले 100 फीसदी क्षमता से स्कूल
लोक शिक्षण संचालनालय ने दायर की केविएट
पालक महासंघ, जागृत अभिभावक संघ, नागरिक अधिकार संगठन, सागर पब्लिक स्कूल, कॉर्मल कॉन्वेंट स्कूल से लेकर केंद्रीय विद्यालय तक के अभिभावक ऑनलाइन कक्षाएं बंद करने के विरोध में हैं। वहीं, शिक्षा विभाग सरकार के मनमाने आदेश का बचाव कर रहा है। अभिभावकों और उनके संगठनों के न्यायालय जाने के कदम का अनुमान लगाते हुए लोक शिक्षण संचालनालय ने उच्च न्यायालय में केविएट दायर की है जिससे किसी संगठन की अपील पर पक्ष रखने का मौका मिले। कानून के जानकारों का कहना है कि यह स्कूलों के पक्ष में झुका फैसला है कि ज्यादा देर तक बचाव करना विभाग के लिए संभव नहीं होगा।