किडनी-लीवर की खरीद फरोख्त की शिकायते बढऩे लगी है। इसमें कुछ निजी चिकित्सालयों में इस तरह के गोरखधंधे का भंडाफोड़ भी हुआ है। ऐसे में अंगदान और उसका प्रत्यारोपण सरकार की निगरानी हो इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए मानव अंग एवं उत्तक प्रतिरोपण नियम बनाए हैं। इन नियमों को लागू करने के लिए प्रदेश सरकार ने ये तीन समितियां बनाई हैं।
राज्य स्तरीय समीतियां करेंगी नीति निर्धारण
राज्य स्तर पर बनाई गइ दो समितियों में एक सलाहकार समिति है। जिसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को अध्यक्ष बनाया गया है। यह समिति प्रदेश स्तर पर अंगदान और प्रत्यारोण के लिए नीति निर्देश तैयार करके सरकार को देगी। वहीं दूसरी राज्य प्राधिकार समिति का अध्यक्ष चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त को बनाया गया है। यह समिति प्रदेश भर में अंगदान और प्रत्यारोपण को मॉनीटर करेगी।
संभाग स्तरीय समिति करेगी रजिस्ट्रेशन
अंगदान और प्रत्यारोपण के मामले में संभाग स्तर पर बनाई गई प्राधिकार समिति की अहम भूमिका होगी। इसमें सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डीन को अध्यक्ष बनाया गया है। यह समिति अंग प्रत्यारोपण करने वाले निजी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन करने के साथ ही अंगदान की अनुमति भी प्रदान करेगी।