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बिजली कंपनियों से मानव अधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट

locationभोपालPublished: Oct 06, 2018 08:48:43 am

Submitted by:

Radhyshyam dangi

चालू लाइनों में काम करवाए जा रहे हैं।

Bijli

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मानव अधिकार आयोग ने शुक्रवार को चालू लाइन में काम करने के दौरान दुर्घटना के शिकार और मृत्यू होने के मामले को गंभीरता से लिया है। आयोग ने बिजली कंपनियों में काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों के शोषण को भी गंभीरता से लिया। आयोग ने तल्ख लहजे में कहा है कि कर्मचारियों को बिना पर्याप्त साधन-संसाधन दिए चालू लाइनों में काम करवाए जा रहे हैं।

इस बारे में प्रमुख सचिव ऊर्जा विकास और महा प्रबंधक पॉवर जेनरेटिंग कंपनी , भोपाल से चार सप्ताह में जांच रिपोर्ट मांगी है। आयोग अध्यक्ष नरेंद्र कुमार जैन ने कंपनी से पूछा है कि एेसे कितने मामलों में कर्मचारियों की मृत्यू हुई हैं? क्षतिपूर्ति देने के क्या नियम-कायदे हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या एेसी दुर्घटनाओं पर क्षतिपूर्ति भुगतान किया गया है?

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा संचालित विज्ञान मंथन यात्रा में शामिल होने वाले छात्रों को अब अनुशासन, सहयोग और अच्छे व्यवहार के आधार पर पुरस्कार मिलेगा। शुक्रवार को विभागीय मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने १२वीं यात्रा में शामिल होने वाले ६२५ छात्रों को संबोधित करते हुए यह घोषणा की।

इसके पहले

बिजली के पोल पर काम कर रहे युवक की मौत करंट लग जाने से हो गई। वह पोल पर चढ़कर काम कर रहा था तभी करंट की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। हालांकि बिजली कंपनी ने स्पष्ट किया है कि न तो हमारे यहां से परमिट था न ही किसी काम की अनुमति ली गई थी।

जानकारी के अनुसार सतीश पिता रोडज़ी पुष्पद (25) निवासी बरखेड़ा की मौत बिजली के पोल से गिर जाने के कारण हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों और मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार वे नया ट्रांसफॉर्मर लगा रहे थे। तार खींचते और अन्य काम के दौरान वे करंट की चपेट में आ गए। करंट लगने के बाद उसे आस-पास मौजूद ने रस्सी के सहारे नीचे ऊतारा लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। उसे उपचार के लिए सिविल अस्पताल मौके पर पहुंची डायल-100 की टीम ने पहुंचाया। जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।

हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि मौत किन कारणों से हुई। कोई यह नहीं बता पा रहा है कि वह पोल पर क्या कर रहा था। मौके पर पहुंचे डायल-100 के रायसिंह दांगी और उनकी टीम ने मुआयना किया। मामले में बिजली कंपनी के डीई पी. आर. पाराशर का कहना है कि भूरा ग्रिड से वहां सप्लाई है। वहां के कर्मचारी से हमने बात की है उसके अनुसार न तो कोई अनुमति उस पर्टिकूलर टाइम की ली गई थी न ही पूरे दिनभर में कहीं का भी परमिट था। बता दें कि उक्त कर्मचारी डीपी लगाने वाली कंपनी का ठेकेदार था।

बेसहारा हुआ नौ माह का बच्चा

मृतक सतीश के घर में पिता है मां का पहले ही देहांत हो चुका है। वह इकलौत था न भाई है न ही बहिन। नौ माह का बच्चा है जिसे अभी तक उसके ननिहाल से लाया ही नहीं गया है। आर्थिक रूप से काफी कमजोर पुष्पद परिवार का इकलौता बेटे की मौत हो जाने से बच्चा बेसहारा हो गया और पिता रोडज़ी भी अकेले पड़ गए। युवक की मौत की खबर सुनते ही पूरे गांव में शोक की लहर छा गई।

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