पुलिस के मुताबिक शिवशक्ति नगर छोला मंदिर निवासी 38 वर्षीय दीपक ओझा हलवाई था। पिछले दो महीने पहले से उसके साथ लिवइन में प्रीति रहती थी। प्रीति ने आठ साल पहले सीहोर निवासी संतोष प्रजापति से लव मैरिज की थी। उनके दो बच्चे हैं। बच्चे संतोष के पास रह रहे हैं। 26 सितंबर को संतोष ने प्रीति को फोन कर कहा कि बच्चों से मिलने बुलाया। दोपहर करीब 12 बजे प्रीति और दीपक फंदा पहुंचे। संतोष अपने दो अन्य साथी धर्मेन्द्र और चेन सिंह के साथ मिला। यहां से पांचों फंदा से रवाना हो गए।
प्रीति नहीं देख पाए, इसलिए उसे दूर पेड़ से बांधा
एसडीओपी बैरागढ़ प्रेमशंकर गौतम ने बताया कि संतोष ने दीपक और प्रीति को अलग-अलग पेड़ से बांधा था। दीपक की जब आरोपियों ने हत्या की प्रीति नहीं देख सकी। उसे गुमराह करते हुए आरोपी संतोष अपने लेकर पहुंचा। जहां, प्रीति ने अपने देवर को घटना के बारे में बताया।
एसडीओपी बैरागढ़ प्रेमशंकर गौतम ने बताया कि संतोष ने दीपक और प्रीति को अलग-अलग पेड़ से बांधा था। दीपक की जब आरोपियों ने हत्या की प्रीति नहीं देख सकी। उसे गुमराह करते हुए आरोपी संतोष अपने लेकर पहुंचा। जहां, प्रीति ने अपने देवर को घटना के बारे में बताया।
शराब में मिलाकर पिलाई इल्ली मार दवा
पांचों फंदा के आगे जंगल के रास्ते आगे बढ़े। इसी दौरान संतोष ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर पत्नी प्रीति, दीपक को अलग-अलग पेड़ से बांध दिया। इसके बाद आरोपियों ने दीपक को शराब में इल्ली मारने की दवा मिलाकर पिला दी। दीपक की हालत गंभीर होते ही आरोपियों ने उसका रस्सी से गला घोंट दिया। इसके बाद लाश तूमड़ा के पास कारवां नदी में फेंक दी।
पांचों फंदा के आगे जंगल के रास्ते आगे बढ़े। इसी दौरान संतोष ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर पत्नी प्रीति, दीपक को अलग-अलग पेड़ से बांध दिया। इसके बाद आरोपियों ने दीपक को शराब में इल्ली मारने की दवा मिलाकर पिला दी। दीपक की हालत गंभीर होते ही आरोपियों ने उसका रस्सी से गला घोंट दिया। इसके बाद लाश तूमड़ा के पास कारवां नदी में फेंक दी।