दरअसल, बीते साल बैरागढ़ इलाके में रहने वाले दंपत्ति के बीच में विवाद हो गया था। विवाद इस कदर बढ़ा कि महिला ने घर और पति-बच्चों को छोड़ दिया। साल भर वह अकेले रही। इस बीच उसे आर्थिक संकट की मार भी झेलनी पड़ी। कोरोना काल में महिला को अपनी गलतियों का अहसास हुआ और उसने फिर से परिवार के पास जाने का फैसला किया। इसके लिए महिला ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समक्ष गुहार लगाई। आवेदन के आधार पर प्राधिकरण के सचिव संदीप शर्मा ने दोनों पक्षों की सुनवाई की और दोनों के बीच सुलह कराई।
पारिवारिक मामले का निराकरण होने के बाद महिला ने लिखित में दिया कि अब वह परिवार के सभी सदस्यों का सम्मान करेगी। साथ ही अपने पति और बच्चों की देखभाल भी करेगी। महिला ने कहा कि वह अपनी कुछ दोस्तों की बातों में आकर पारिवारिक रिश्ते को भूल गई थी, यह उसकी सबसे बड़ी गलती थी, जिसे कोरोना काल में उसने सुधार लिया है।
कोरोना ने याद दिलाए पति-पत्नी के रिश्ते
कोरोना काल में पति-पत्नी के सालों पुराने विवादों का अंत हो गया। प्राधिकरण की ओर से बताया गया कि कोरोना काल में कई पारिवारिक मामलों में सुलह कराया गया है। खास तौर पर पीडि़तों ने खुद अपनी गलतियों को सुधारने के लिए प्राधिकरण में अपील की थी। कोर्ट में लंबित तलाक के कई प्रकरणों में भी समझौता हुआ है।
कोरोना काल में लंबित आवेदनों को निपटाया जा रहा है। सभी आवेदकों की सुनवाई की जा रही है। अच्छी बात यह है कि दोनों पक्ष खुद ही समझौता करने की पहल कर रहे हैं।
– संदीप शर्मा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण