विदिशा के बीजा मंडल मंदिर में कई सालों से नाग पंचमी पर हिंदू अनुष्ठान करते आए हैं। हालांकि यह वार्षिक पूजा हर साल मंदिर के बाहर होती रही लेकिन इस बार मंदिर के अंदर पूजा करने की अनुमति मांगी गई। इस पर विदिशा कलेक्टर ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का एक पत्र का हवाला देते हुए मंदिर के अंदर पूजा की अनुमति देने से इंकार कर दिया। एएसआई के पत्र में बीजा मंडल मंदिर को मस्जिद बताया गया है। जिला कलेक्टर के इस कदम से हिंदू संगठन आक्रोशित हो उठे थे। इसके बाद अन्य आईएएस के साथ सीएम ने विदिशा के कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य को भी हटा दिया जिसपर औवेसी ने ट्वीट कर आपत्ति जताई है।
In Madhya Pradesh, Sangh outfits demanded that they should be allowed to pray in a mosque. The District Collector noted that the structure was a mosque in ASI gazette & refused permission. The collector was transferred because he followed the law. This is the danger of the Wakf Amendment Bill. The govt wants to give expansive powers to the collector, if someone says that a masjid is not a masjid; the collector must follow the mob’s demands or s/he’ll be transferred. No amount of evidence will be sufficient.
मध्यप्रदेश में, संघ संगठनों ने मांग की कि उन्हें मस्जिद में प्रार्थना करने की अनुमति दी जानी चाहिए। जिला कलेक्टर ने कहा कि एएसआई राजपत्र में यह संरचना एक मस्जिद थी और अनुमति देने से इनकार कर दिया। कलेक्टर का तबादला इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने कानून का पालन किया। ये है वक्फ संशोधन बिल का खतरा। सरकार कलेक्टर को व्यापक अधिकार देना चाहती है। अगर कोई कहता है कि मस्जिद, मस्जिद नहीं है तो कलेक्टर को भीड़ की मांगों का पालन करना होगा या उसे स्थानांतरित कर दिया जाएगा। सबूत की कोई भी मात्रा पर्याप्त नहीं होगी।