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हैदराबाद गैंगरेप केसः MP के समाजशात्रियों ने बताए गैंग रैप की घटनाएं रोकने के तरीके- video also

locationभोपालPublished: Dec 06, 2019 03:15:08 pm

हैदराबाद कांड के चारों आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया…

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भोपाल। हैदराबाद दुष्कर्म मामले के बाद एक बार फिर मध्यप्रदेश में भी दुष्कर्म को लेकर मामला उबलने लगा है। दरअसल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी पिछले दिनों हुईं ऐसी वारदातों को लेकर लोगों में गुस्सा है।

ये था मामला-

हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या करने के चारों आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। जानकारी के मुताबिक, पुलिस जांच के लिए इन आरोपियों को मौका-ए-वारदात पर लेकर गई थी। चारों ने वहां से भागने की कोशिश की, जिस पर पुलिस ने उन्हें वहीं ढेर कर दिया। घटनास्थल पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी पहुंच चुके हैं।

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ये बोले भोपालवासी-

वहीं हैदराबाद एनकाउंटर को लेकर भोपाल कटारा हिल्स सिल्वर स्टेट निवासी अवनिंद्र द्विवेदी (Dwivedi ) का कहना है कि हैदराबाद पुलिस की कार्रवाई से अन्य राज्यों की पुलिस को भी कुछ सीख लेनी चाहिए,और अपराधियों के साथ ऐसा ही व्यवहार होना चाहिए। देश का हर नागरिक यही चाहता है।
हैदराबाद में पुलिस कार्रवाई के बाद पत्रिका डॉट काम ने समाजशास्त्रियों से बातचीत कर ये जानने की कोशिश की, कि आखिर इस तरह की वारदातों को रोकने के क्या उपाय हैं।

पुलिस की अपनी सीमा…
दुष्कर्म के इन मामलों को देखते हुए इस पर रोक के संबंध में हमने समाजशास्त्री डॉ. वीएस उपाध्याय से पुछा तो उनका कहना था कि जहां तक दुष्कर्म में पुलिस की उपयोगिता की बात करें तो हां कुछ हद तक ये उपयोगी है, लेकिन इन मामलों पर रोक के लिए केवल पुलिस को ही पूर्ण नहीं माना जा सकता।
हां पुलिस आपकी मदद कर आरोपियों को सजा दिला सकती है, लेकिन ये मुमकिन नहीं की हर स्थान पर आपकी रक्षा के लिए पुलिस मौजूद रहे।

समाज को आगे आना होगा: डॉ. शुक्ला
ऐसे में समाज का दायित्व बढ़ जाता है,उनके अनुसार इस तरह की घटनाओं पर रोक के लिए समाज को ही आगे आना होगा।
डॉ. शुक्ला के अनुसार इसका सबसे अच्छा उपाय यही है कि आप आगे आएं, यानि कहीं भी किसी को मुसीबत में देखें,तो मदद के लिए आगे बढ़ें। यानि जहां किसी महिला को कोई परेशान कर रहा हो, तो तुरंत वहां जाकर सवाल करें। न की हमें क्या ये सोच कर आगे निकल जाएं।
क्योंकि उस जगह पर आपके मुंह खोलते ही एक तो महिला को संबल मिलेगा, दूसरा वारदात करने वाला एकाएक किसी के सामने आने पर कुछ सकपकाएगा या कुछ दबाव में आ जाएगा।

बढ़ेगी महिलाओं की सुरक्षा…
जिसके चलते समाज में महिलाओं की सुरक्षा का दायरा बढ़ेगा। वहीं यदि आप में महिला की मदद का भाव आया तो कौन जाने, यहां आप किसी महिला की मदद कर रहे हैं, कहीं और किसी जगह आपके अपने की कोई और रक्षा कर रहा हो।
समाज की यही सोच आखिरकार हमें ऐसी वारदातों के जाल से मुक्ति दिलाने का काम करेगी।

ऐसे पैदा होगा दुष्कर्म के अपराधियों में खौफ: डॉ. खान…
वहीं दूसरी ओर समाजशास्त्री डॉ.ए खान के अनुसार समाज में इन दिनों हो रही ये वारदातें सचमुच शर्मनाक तो हैं हीं, लेकिन हमें इन्हें रोकने के लिए कुछ कदम उठाने ही होंगी, क्योंकि यदि समाज ही शांत रहेंगे तो ये अपराधियों का मनोबल उंचा करने वाली बात होगी।
इस पूरे मामले में मेरा सोचना है कि ऐसी वारदातों को रोकने के लिए इसमें सबसे पहला तरीका सामजिक बहिष्कार का भी हो सकता है। उनका कहना है कि लोग उन स्थानों पर जाना नहीं चाहते जो स्थान बदनाम हों, इसका सीधा सा कारण ये है कि वे उस स्थान पर जाकर बदनाम नहीं होना चाहते, जिससे उनकी सामाजिक छवि को नुकसान पहुंचे। ये डर ही समाज की सबसे बड़ी ताकत है। ऐसे में दुष्कर्म करने पर सामाजिक बहिष्कार लोगों में इस वारदात के प्रति खौफ पैदा करेगा, जिससे आशा है कि इस तरह की घटनाओं में कमी आएगी।

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