मां इंजीनियर बनाना चाहती थी
उन्होंने कहा कि मेरी मां चाहती थी कि मैं इंजीनियर बनूं। इसकी मैंने तैयारी की आईआईटी-बीआईटी जैसे एग्जाम्स दिए। लेकिन मेरा चयन नहीं हुआ, जबकि मेरे साथ के लोगों का हो गया। इसके बाद मैंने फिजिक्स ऑनर्स किया। इसके बाद एक्टर बनने का सपना देखने लगा। रंग निर्देशक मो. जकारिया ने कहा कि किसी ट्रेनिंग स्कूल जाआगे तो तुम्हें एक टीचर ट्रेंड करेगा। क्लास के सभी एक जैसा सीखेंगे तो उनमे तुम खुद को कैसे अलग दिखाओगे। यदि नाट्य विधा में तुम स्वयं पर काम करो, खुद को पढ़ो और खुद को जानो तो निखार अलग होगा। यह बात मेरे मन में बैठ गई।
आजाद का रोल अहम
अखिलेंद्र ने कहा कि राजकुमार संतोषी फिल्म द लिजेंड ऑफ भगत सिंह बना रहे थे। उन्होंने मुझे चंद्रशेखर आजाद का रोल ऑफर किया। मैंने आजाद को पढऩा शुरू किया। मैं उनसे इतना प्रभावित हुआ कि चटाई पर ही सोने लगा। मैंने डायरेक्टर से कहा कि मैं इतना महान रोल कर रहा हूं शायद मैं इससे न्याय नहीं कर पाऊंगा। उन्होंने कहा कि तुम ही ये रोल कर सकते हो। मैंने इसके लिए 20 किग्रा वजन घटाया, जो आज तक कम नहीं हो पाया। मैंने प्रोड्यूसर को 4 लाख का इस्टीमेट दिया। 2 लाख वजन बढ़ाने के लिए और 2 लाख वजन घटाने के लिए।