ये महिलाएं समाज के लिए एक बेहतर उदाहरण हैं कि कैसे पारिवारिक, कामकाजी और सामाजिक जीवन में सभी की प्रेरणा के स्रोत बन सकते हैं। ये महिलाएं अब ऐसी महिलाओं की मदद कर रही हैं जो इस बीमारी का नाम सुनते ही हिम्मत खो बैठती हैं। भोपाल की नव उद्भव शिक्षण एवं समाज कल्याण समिति ऐसी महिलाओं के लिए लगातार सेमिनार करवाती है। गंभीर बीमारियों से पीडि़त महिलाओं की मदद के लिए संस्था की टीम हमेशा तैयार रहती है।
घर में नहीं बताई बीमारी
भोपाल की नीलम पाराशर को जब यह पता चला कि उन्हें कैंसर है तो वे घर आकर खूब रोईं, लेकिन जैसे ही यह ख्याल आया कि छह माह पहले ही पति की बायपास सर्जरी हुई है फिर सोचा ‘मैं सबकी हिम्मत हूं फिर कमजोर कैसे पड़ सकती हूं?’। उन्होंने घर में बिना किसी को बताए सभी जांचें करवा ली।
जब घर के अन्य सदस्यों को इसकी जानकारी मिली तो इसके बाद सर्जरी और कीमो थैरेपी शुरू की गई। पूरे परिवार ने उन्हें हाथों हाथ लिया। सर्जरी को अब दो साल हो चुके हैं और वे सामान्य तरीके से जीवन यापन कर रही हैं। पाराशर बताती हैं बीमारी कोई भी हो आपकी हिम्मत के सामने सब कमजोर हैं। हम कमजोर न पड़ें तो बड़ी से बड़ी बीमारी से खुद ही निपट सकते हैं।
मददगार हाथ भी आए चपेट में
कैंसर से जूझते लोगों की मदद करते-करते कभी यह सोचा नहीं था कि खुद भी कभी इसकी गिरफ्त होगी। यह कहानी है आर्किटेक्ट वर्षा जैन की। एक दिन जब पता चला कि वे खुद भी उसी गंभीर बीमारी की चपेट में हैं तो वे शॉक्ड हो गईं, लेकिन मुश्किल समय में परिवार सहारा बनकर खड़ा हुआ। बहन ने बहुत हिम्मत बंधाई ट्रीटमेंट की सभी स्टेज समझाई, पति व बेटे ने भी खूब हिम्मत दी। वर्किंग वुमन होने से तत्कालीन बॉस ने भी उन्हें बहुत सहयोग किया।
वे कहती हैं आठ माह के इलाज जिसमें ऑपरेशन, कीमो थैरेपी, रेडियेशन के बाद मैं आज फिर उसी उत्साह के साथ जीवन को जी रही हूं। इतना ही नहीं अब वे उन महिलाओं को सहयोग करती हैं जिन्हें इस बीमारी से पीडि़त बताया गया है। वे कहती हैं कि सभी मरने वाले कैंसर से नहीं मरते, यह सिर्फ एक बीमारी है इससे घबराएं नहीं।
हम निरंतर समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने पर सेमिनार करवाते हैं। कैंसर, एड्स, टीबी, महिलाओं और बच्चियों को होने वाली अन्य बीमारियों से लडऩे के तरीके बताते हैं। इतना ही नहीं जीवट महिलाओं का सम्मान भी करते हैं, ताकि उनसे पे्ररणा लेकर अन्य महिलाएं भी आगे आएं।
रोहिणी शर्मा, अध्यक्ष, और मोटिवेटर, नवउद्धव