जागरूकता रथ को दिखाई हरी झंडी मुख्यमंत्री चौहान भोपाल के नेहरू नगर से राज्यव्यापी डेंगू महा-अभियान का शुभारंभ कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि “डेंगू से जंग-जनता के संग” का अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा। हम सभी जगह डेंगू नियंत्रित करने में सफल होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पलकमति परिसर पहुँचकर डेंगू जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री चौहान ने परिसर में डेंगू नियंत्रण के लिए दवाई का स्प्रे किया, फागिंग मशीन भी उनके द्वारा चलाई गई। मुख्यमंत्री चौहान ने परिसर में मौजूद लोगों को डेंगू बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी। इस आशय के पेम्फलेट वितरित किए तथा परिसर में पोस्टर भी लगाए।
हम तीसरी लहर को रोकने में सफल होंगे मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अभी हम यह कहने की स्थिति में हैं कि प्रदेश में कोरोना नियंत्रण में है। आज पूरे प्रदेश में केवल 8 पॉजीटिव केस आए हैं। ईश्वर की कृपा और प्रदेशवासियों के सहयोग से हम तीसरी लहर को रोकने में सफल होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों से अपील की कि गणेशोत्सव तथा अन्य सामाजिक, धार्मिक कार्यक्रमों में मास्क लगाने तथा कोरोना वायरस की अन्य सावधानियों का पालन करना जारी रखें।
हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवाएँ मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना का टीका लगवाना आवश्यक है। यह जिंदगी का डोज है। भोपाल में दूसरा डोज केवल 40% लोगों को लगा है। अभी भी 60% लोग बाकी हैं। पहला डोज भी 94% लोगों को लोगों लग चुका है, अभी 6% लोग पहले डोज से वंचित हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने 18 वर्ष आयु से ऊपर के सभी लोगों से करबद्ध प्रार्थना की कि वे प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन करवाए।
डेंगू नियंत्रण के लिए नगर निगम तथा शासकीय एजेंसियाँ सक्रिय मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में डेंगू का प्रकोप बढ़ा है। डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से सतर्कता और सजग रहकर बचा जा सकता है। डेंगू, मच्छर से होता है। मच्छर का लार्वा ऐसी जगहों पर पनपता है जहाँ पानी भरा हो। अतः हमें जल-जमाव के बारे में सतर्क रहना है। नगर निगम तथा शासकीय एजेंसियाँ, सड़कों, गड्ढों आदि में भरे पानी के जमाव को रोकने और लार्वा को नष्ट करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। नगर निगम, नगरीय निकायों द्वारा फागिंग, दवा छिड़कने, लार्वा खाने वाली मछली डालने जैसे कार्य निरंतर जारी है। प्रदेश में मंदसौर, जबलपुर, इंदौर, रतलाम आदि में डेंगू के अधिक प्रकरण आए हैं। पूरे प्रदेश में सतर्कता की आवश्यकता है।