मैडम न मुझे मेरे पति से कोई शिकायत है और न ही किसी अन्य से। मेरे द्वारा लगाए गए सभी आरोप प्रत्यारोप मैं वापस लेने को तैयार हूं, पर मैं अपने पति के साथ ही रहना चाहती हूं। यह कहना था पीडि़त महिला का जो मप्र राज्य महिला आयोग में मंगलवार को आयोजित संयुक्त बेंच में पहुंची थी।
शादी के दिन ससुराल पक्ष ने मांगे दस लाख
एक अन्य केस की सुनवाई में आवेदिका ने आयोग को बताया कि उसके हाथों में मेहंदी लगी हुई थी और वह दुल्हन बनकर रातभर बारात का इंतजार कर रही थी और अचानक उसके पिता के पास फोन आया कि दस लाख रुपए वह दहेज में लेंगे नहीं तो वह बारात नहीं लाएंगे। यह बात सुनकर ससुराल पक्ष ने आयोग में ही हंगामा शुरू कर दिया। जब अनावेदक को सुनवाई कक्ष से बाहर भेजा गया। जिसके बाद उसे चक्कर आ गए और आयोग कर्मचारी उसे अस्पताल लेकर गए।
दहेज संबंधी मामले में अनावेदक पक्ष ने काफी हंगामा किया। आयोग की कार्रवाई में रूकावट लाने के आरोप अनावेदक के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसपी को पत्र लिखेंगी। वहीं अनावेदक शादी तोडऩे के बाद विदेश चले गए थे। उन पर कार्रवाई करने के लिए भी आयोग एसपी को पत्र लिखेगा। आयोग पहुंचने वाले अधिकतर मामलों में यह देखने में आया है कि यदि पति-पत्नी के परिवार दखल नहीं दे तो करीब 60 प्रतिशत घर टूटने से बच सकते हैं।
– लता वानखेड़े, अध्यक्ष, महिला आयोग