अपर कलेक्टर रहते हुए लोकेश जांगिड़ ने आइएएस अफसरों के वाट्सअप ग्रुप में जो बातें लिख दी हैं, उसने सियासत गरमा दी है। बड़वानी में अपर कलेक्टर रहते हुए लोकेश जांगिड़ ने अपने ही कलेक्टर के बारे में एक पोस्ट लिखी जो लीक हो गई।
तीखे तेवरः IAS लोकेश जांगिड़ का स्टेटस- ‘ईमानदारी महंगा शौक है, यह हर किसी के बस का नहीं’
2014 बैच के आइएएस अफसर लोकेश कुमार जांगिड़ कुछ समय पहले ही बड़वानी में अपर कलेक्टर पदस्थ हुए थे। सबकुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन जांगिड़ ने आइएएस अफसरों के वाट्सअप ग्रुप में जो पोस्ट लिखी, वो लीक हो गई। लोकेश जांगिड़ ने अपनी पोस्ट में बड़वानी कलेक्टर शिवराज वर्मा से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह तक का नाम लिखा।
वाट्सअप चैट में जांगिड़ ने बड़वानी कलेक्टर के बारे में लिखा है कि कलेक्टर शिवराज वर्मा पैसे नहीं खा पा रहे थे, इसलिए शिवराज सिंह चौहान के कान भर दिए, दोनों ही एक ही समाज से आते हैं, किरार समाज से। जिसकी सेक्रेटरी कलेक्टर की पत्नी हैं और सीएम शिवराज सिंह की पत्नी किरार समाज की प्रेसिडेंट हैं। लोकेश आगे लिखते हैं कि सेवानिवृत्ति के बाद वे एक किताब लिखेंगे और उसमें सभी तथ्यों को लिखेंगे, क्योंकि अभी उनके हाथ बंधे हुए हैं। मैं किसी से नहीं डरता हूं, इसलिए सब खुलेआम बोल रहा हूं।
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प्रतिनियुक्ति पर महाराष्ट्र भेजने का आवेदन
11 जून को ही जांगिड़ ने डीओपीटी को लेटर लिखकर अपने गृह राज्य महाराष्ट्र में तीन साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए आवेदन किया था। आइएएस अफसर जांगिड़ लिखते हैं कि उनके परिवार में टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित करीब 87 वर्ष के दादाजी हैं और उनकी 57 वर्षीय मां हैं। परिवार को उनकी जरूरत है, इसलिए उन्हें 3 वर्ष के लिए महाराष्ट्र इंटर कैडर प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया जाए।
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कांग्रेस ने साधा सरकार पर निशाना
इधर, आइएएस अफसर जांगिड़ के तबादले पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि प्रदेश के आइएएस अफसर लोकेश जांगिड़ का बड़वानी में कोरोना में काम आने वाले उपकरणों की खरीदी में भ्रष्टाचार की पोल खोलने के कारण तबादला किये जाने का मामला सामने आ रहा है ? वही उनकी वाइरल चेट में ‘किरार महासभा’ का जिस तरह से ज़िक्र किया गया है, वो बेहद चौकने वाला है…?
दूसरे ट्वीट में कांग्रेस प्रवक्ता लिखते हैं कि एक ईमानदार अफ़सर ने प्रदेश छोड़ने का मन बना लिया है? मुख्यमंत्री व ज़िम्मेदारों को सामने आकर उनके तबादले का कारण व इस वाइरल चेट पर सारी स्थिति स्पष्ट करना चाहिए? प्रदेश में इस कोरोना महामारी में भी पदों की बोली, भ्रष्टाचार का खेल, संरक्षण व तबादला उद्योग चालू है…?
सारंग बोले- अनुशासन बर्दाश्त नहीं
सरकार ने आइएएस अफसर के इस मामले को गंभीरता से लिया है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मीडिया से कहा कि किसी भी पद पर बैठे आइएएस अफसर को अनुशासनहीनता का अधिकार नहीं है। एक अफसर की सार्वजनिक ग्रुप में इस प्रकार की टिप्पणी करना एक अपराध है। तबादला एक रूटीन प्रक्रिया होता है। शासन ने आइएएस अफसर को नोटिस जारी कर दिया है।
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