भोपाल

आइएएस मुखर्जी पीआइसी से दे सकते हैं इस्तीफा

मुंबई में कंपनी के पास है अरबों की संपत्ति, गड़बड़ी को लेकर सीबीआइ कर रही जांच

भोपालApr 16, 2018 / 01:29 pm

Krishna singh

BALLABH BHAWAN

भोपाल. आइएएस अनिरुद्ध मुखर्जी प्रदेश सरकार की मुंबई स्थित प्रॉविडेंट इंवेस्टमेंट कंपनी (पीआईसी) के एमडी पद से इसी महीने इस्तीफा दे सकते हैं। इसका कारण कंपनी के अधीन अरबों की जमीन को लेकर आने वाला दबाव बताया जा रहा है। जमीन और सम्पत्ति में गड़बड़ी को लेकर सीबीआइ की जांच चल रही है। पीआइसी की २७ अप्रैल को बोर्ड मीटिंग है। इसमें मुखर्जी इस्तीफा दे सकते हैं। उन्होंने आला अफसरों से भी मौखिक रूप से कह दिया है। साथ ही वित्त विभाग के प्रमुख सचिव को एमडी बनाने का सुझाव दिया है। सूत्रों के अनुसार जमीन और संपत्ति के मामले में रसूखदारों के नाम हैं, इस कारण रसूखदारों का दबाव आता रहता है। वर्तमान में मुखर्जी खेल एवं युवक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव भी हैं। पीआइसी छोडऩे के बाद मुखर्जी इस पद पर बने रहेंगे।
 

विवादों में रही है कंपनी
कंपनी लगातार विवादों में रही है। वित्त विभाग ने सीबीआइ को जांच के लिए जो दस्तावेज सौंपे हैं, उनमें एक नोटशीट पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भी है। कंपनी के स्वामित्व की मुंबई ठाणे की जमीन नीलकंठ सोसाइटी को ९९ साल की लीज पर दी थी। मामले में तत्कालीन मंत्री स्व. अजय नारायण मुश्रान, तत्कालीन प्रमुख सचिव स्व. सुदीप कुमार बैनर्जी, सचिव अशोक दास व उपसचिव एनके पंत के नाम भी हैं।
 

कंपनी स्वामित्व की सिंधिया राजघराने की ३१४ एकड़ जमीन को साठगांठ से बेचने पर कंपनी के मैनेजर अतुल बोरिकर सहित अन्य पर एफआइआर दर्ज हुई है। कंपनी की जमीन पर केंद्र का भी अधिकार है, इसलिए बिना केंद्र की मंजूरी के जमीन लीज पर दी या बेची नहीं सकती। वित्त विभाग ने कंपनी का ऑडिट कराया तो करोड़ों की गड़बड़ी मिली थी। कंपनी मैनेजर पर एमडी अनिरुद्ध मुखर्जी ने एफआइआर कराई थी। इसी कंपनी में तत्कालीन वित्त मंत्री राघवजी द्वारा रिश्तेदार को नौकरी पर रखवाने का मामला सामने आया था। वित्त मंत्री जयंत मलैया की रिश्तेदार को एडवर्ड विला के रिनोवेशन का काम देने का मामला उजागर हुआ था।
 

यह निजी मामला है। इस मामले पर मीडिया से कोई बात नहीं करना चाहता।
-अनिरुद्ध मुखर्जी, एमडी, प्रॉविडेंट इंवेस्टमेंट कंपनी
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