ज्यादा सुविधाजनक…
आगरा से भोपाल तक के ट्रैक को इस ट्रेन के लायक बनाया जा रहा है। इससे एक घंटे तक की बचत हो सकेगी। शताब्दी आगरा से भोपाल के बीच में 100-110 की रफ्तार से चलती है। आइसीएफ निर्मित डिब्बे वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में तेजी से गति पकड़ लेती है। चेयर कार और एग्जीक्यूटिव कोच को पहले से आरामदायक बनाया गया है। पैर रखने के लिए पैडलर शताब्दी से ज्यादा सुविधाजनक हैं।
हैंडल लगाए गए हैं…
कोच के इंटीरियर को बेहतर कर लुक यात्रियों के लिए सुकून देने वाला बनाया गया है। एग्जीक्यूटिव क्लास के कोच की सीट को और आरामदायक बनाने के लिए उसके साइज में बढ़ोतरी की है। साइड में पकड़कर चलने के लिए हैंडल लगाए गए हैं, जिससे यात्री आराम से चल सकें।
पथराव से नहीं टूटेंगे कांच
इस ट्रेन की खिड़कियों में ऐसे कांच लगाए गए हैं, जो पथराव में भी नहीं टूटेंगे। नए बनाए जा रहे कोच में पेंट्रीकार की क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है। टॉयलेट भी अलग तरह से डिजाइन किए गए हैं।
भोपाल स्टेशन के वेटिंग रूम को बनाया और सुविधाजनक, नई एलईडी भी लगाईं
उधर भोपाल जंक्शन के वेटिंग रूम का रिनोवेशन हो चुका है। इसे और अधिक सुविधाजनक बनाया गया है। एसी की संख्या बढ़ाई गई है। ट्रेन के डिस्प्ले के लिए नई एलईडी लगाईं गईं हैं।
पुरानी घडि़यों को बदला गया है। साफ-सफाई व्यवस्था के लिए सूखे और गीले कचरे के लिए अलग से डस्टबिन भी रखे गए हैं। ये व्यवस्था हर प्लेटफॉर्म पर की गई है। अलग-अलग कचरे को लेने सुबह शाम नगर-निगम की गाडि़यां आती हैं। रेल प्रशासन का दावा है कि हबीबगंज से मुख्य स्टेशन किसी भी लिहाज से कम नहीं होगा।
ट्रेन कंट्रोल और रिमोट मॉनिटरिंग की सुविधा
ट्रेन में कंट्रोल और रिमोट मॉनिटरिंग के लिए ऑन बोर्ड कम्प्यूटर ऑपरेटेड है। स्टेशन छोडऩे के बाद तत्काल रफ्तार पकड़ती है। स्टेनलेस स्टील कार बॉडी के 16 कोच रहेंगे, जिसमें 1128 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था रहेगी।