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ईदगाह में बने हैं 20 हजार घर, मालिकाना हक देने चल रहा सर्वे, इन लोगों को होगी बड़ी समस्या

locationभोपालPublished: Jul 27, 2019 07:55:57 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

– ईदगाह हिल्स में जिन लोगों के पास दस्तावेज नहीं, उनका हल कैसे होगा, मर्जर केसों में भी यही विवाद

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भोपाल. ईदगाह हिल्स की 700 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक देने के लिए चल रहे सर्वे में जिन लोगों के पास रजिस्ट्री, नामांतरण, पक्के बिल में बिजली बिल, टैक्स की रसीदें हैं उनके दस्तावेज तो लिए जा रहे हैं। लेकिन जिन लोगों के पास दस्तावेज हैं ही नहीं उनका हल कैसे होगा? सर्वे के दौरान सामने आ रही इस समस्या से अब ये सवाल खड़ा होने लगा है।

शासन के निर्देश के बाद बैरागढ़ सर्किल का अमला ईदगाह में पिछले 15 दिन से लोगों को मालिकाना हक देने के लिए सर्वे कर रहा है, अब तक किए गए सर्वे में 1150 घरों में टीमें जा चुकी हैं। इसमें से 55 फीसदी के पास दस्तावेज हैं, कुछ पर हिबानाम और इनायतनामा है। लेकिन 15 फीसदी से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिनके पास वर्तमान में दस्तावेज हैं नहीं।

बैरागढ़ सर्किल के अधिकारियों का कहना है कि वे अभी तो सर्वे कर रहे हैं। बाद में जो सूची बनेगी उसकी कैटेगिरी अलग की जाएगी। जिन लोगों के पास वैध दस्तावेज हैं उन्हें अलग सूची में, जिनके पास हिबानामा और इनायतनामा है उनकी सूची अलग बनेगी। इसके अलावा जिन लोगों के पास किसी प्रकार के दस्तावेज नहीं हैं उनकी तीसरी सूची तैरूार की जाएगी। इन लोगों को मालिकाना हक देने के लिए शासन स्तर से मार्ग दर्शन मांगा जाएगा।

मर्जर विवाद में भी फंसा है पेंच

मर्जर मामला सरकार स्तर पर हल हो गया है। जिन लोगों के पास मकान, प्लॉट, भवन संबंधी दस्तावेज हैं उनकी अनुमतियां तहसील स्तर से जारी हो रही हैं। लीज होल्डरों को लीज रिन्यू की जा रही हैं। लेकिन मर्जर प्रभावित 13 गांव में भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग रह रहे हैं जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं। ऐसे ढाई हजार लोगों के केस अभी भी अलग-अलग तहसीलों में पेंडिंग हैं।

राजस्व के एक्सपर्ट करेंगे हिबानामा की जांच

हिबानाम और इनायतनामा से संबंधित दस्तावेजों की जांच के लिए राजस्व विभाग के एक्सपर्ट की टीम से जांच कराई जाएगी। मर्जर प्रभावित क्षेत्र में भी लोगों के पास पुराने उर्दू लिखित दस्तावेज थे। जिनकी जांच एक्सपर्ट की मदद से कराई गई थी।

अभी जानकारी एकत्र करा रहे हैं। कितने घर हैं और कब से लोग वहां रह रहे हैं। इसके बाद शासन जो तय करेगा उस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

तरुण पिथोड़े, कलेक्टर

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