सूत्रों के अनुसार बुधवार की शाम मंत्री पीसी शर्मा मंत्रालय में कार्यकर्ताओं की समस्या सुन रहे थे, एक कार्यकर्ता ने वन विहार के अस्थाई कर्मचारी वर्मा को तीन माह से मानदेय का भुगतान नहीं किए जाने के बात बताई साथ ही यह भी बताया कि वर्मा लकवाग्रस्त है, इसलिए काम पर नहीं जा रहा है।
इसी मामले में चर्चा के लिए मंत्री शर्मा ने डायरेक्टर समिता राजौरा को बार-बार फोन कर रहे थे, लेकिन राजौरा फोन नहीं उठा रही थीं। मंत्री की नाराजगी की जानकारी पाते ही वन विहार की डायरेक्टर राजौरा ने फोन किया। तब मंत्री ने उनसे वर्मा को मानदेय दिए जाने और लकवाग्रस्त होने के कारण उसकी पत्नी को काम पर खरने की बात कही।
डायरेक्टर ने एसीएस, को दिया था प्रतिवेदन एसीएस केके सिंह ने भी वन विहार के अस्थाई कर्मचारी वर्मा के संबंध में डायरेक्टर समिता राजौरा से जानकारी मांगी थी। डायरेक्टर ने अपने प्रतिवेदन में एसीएस को बताया था कि उक्त कर्मचारी लकवाग्रस्त होने के कारण लंबे समय से काम पर नहीं आ रहा है। चूंकि वह अस्थाई कर्मचारी है जिससे उसकी जगह पर उसकी पत्नी और बच्चों को नौकरी पर रखने का प्रावधान नहीं है।
मैं रायपुर में आईएफएस राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में आई हूं। मुख्य कार्यक्रम के दौरान एक नम्बर से बार-बार फोन आ रहा था। कार्यकम समाप्त होने के बाद जब मैंने कालबैक किया तो पता चला की वह नम्बर पीसी शर्मा का था। मेरी उनसे बात हो गई है, नाराजगी जैसे कोई बात सामने नहीं आई है।
समिता राजैरा, डायरेक्टर वन विहार
मेरे विधानसभा क्षेत्र का एक कर्मचारी है, जो वन विहार में काम करता है। वह लकवाग्रस्त है, उसके वेतन के संबंध में वन विहार के डायरेक्टर से बात करना चाह रहे थे। मैंने गुस्से में सस्पेंशन के लिए कह दिया था।
पीसी शर्मा, जन संपर्क मंत्री
मैं रायपुर में आईएफएस राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में आई हूं। मुख्य कार्यक्रम के दौरान एक नम्बर से बार-बार फोन आ रहा था। कार्यकम समाप्त होने के बाद जब मैंने कालबैक किया तो पता चला की वह नम्बर पीसी शर्मा का था। मेरी उनसे बात हो गई है, नाराजगी जैसे कोई बात सामने नहीं आई है।
समिता राजैरा, डायरेक्टर वन विहार
मेरे विधानसभा क्षेत्र का एक कर्मचारी है, जो वन विहार में काम करता है। वह लकवाग्रस्त है, उसके वेतन के संबंध में वन विहार के डायरेक्टर से बात करना चाह रहे थे। मैंने गुस्से में सस्पेंशन के लिए कह दिया था।
पीसी शर्मा, जन संपर्क मंत्री