उल्लेखनीय है कि केरवा डैम पर स्थापित वाटर प्रोजेक्ट से कोलार रोड क्षेत्र की कई कॉलोनीज के हजारों घरों में पानी की आपूर्ति की जाती है। आधिकारिक रूप से बताया गया कि इस प्रोजेक्ट के तहत सात हजार से अधिक कनेक्शन किए जा चुके हैं। बीस-बीस लाख लीटर क्षमता के चार ओवरहेड टैंक प्रतिदिन भरे जाते हैं।
हालांकि केरवा डैम पर बने फिल्टर प्लांट की क्षमता 5 मिलियन गैलन (67 करोड़ 50 लाख लीटर) है, लेकिन फिलहाल यहां से अधिकतम 2 एमजीडी (27 करोड़ लीटर) पानी लिया जा रहा है। दूसरी तरफ सलैया, हिनौतिया आलम और इनायतपुर तक के क्षेत्र में कोई नेटवर्क नहीं है।
प्रोजेक्ट अमृत के तहत नए क्षेत्रों में 23 टंकियां बनाई जा रहीं हैं। केरवा प्रोजेक्ट में तीन नई टंकियां जोड़ी जा रहीं हैं, जिससे पानी की खपत अधिक हो जाएगी। केरवा लाइन से पानी की आपूर्ति दिसंबर 2017 में शुरू होने के बाद से ही जगह-जगह पानी की बड़ी बर्बादी सामने आई है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि चौबीसों घंटे पंप चलने के बाद भी पानी की आपूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है। अभी से पानी की कमी हो रही है। गर्मियों में किल्लत बढ़ जाएगी। यह भी बताया गया है कि नहरें अधिक चलाने से डैम के पानी का स्तर काफी घट गया है। जो जलस्तर मई-जून में रहता था, उतना अभी दिखाई देने लगा है।
2017 में शुरू होने के बाद से ही जगह-जगह पानी की बड़ी बर्बादी सामने आई है
20-20 लाख लीटर क्षमता के चार ओवरहेड टैंक प्रतिदिन भरे जाते हैं
केरवा प्रोजेक्ट के तहत जितने पानी की जरूरत है, उतने पानी को आरक्षित करने के लिए जल संसाधन विभाग को लिखकर शुल्क भी जमा करवा दिया गया है। जल संसाधन विभाग ने भी जरूरत का पानी उपलब्ध कराने को कहा है, इससे गर्मियों में जल संकट की आशंका नहीं है।
इं. आशीष मार्तंड, प्रभारी-केरवा वाटर प्रोजेक्ट