दिल की बिगड़ेगी सेहत
अगर आप ज्यादा देर तक सोते हैं तो दिल की सेहत पर बोझ पडऩे लगता है। वर्ष 2013 में अमरीकन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी की एक रिपोर्ट के अनुसार लंबे समय तक सोने से लेफ्ट वेंटिकुलर का वजन बढ़ सकता है, जिससे हार्ट अटैक की आशंका बढऩे लगती है। न्यूरोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि कम नींद की वजह से कार्डियोवैस्कुलर रोगों का खतरा 18 फीसदी बढ़ जाता है, जबकि देर तक सोने की वजह से स्ट्रोक का जोखिम 46 फीसदी।
हो सकता है तनाव
लंबे समय तक सोना आपके मूड को प्रभावित कर सकता है और इससे आपको डिप्रेशन भी हो सकता है। नींद मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित करती है। लंबी नींद से शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है जबकि न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर को बढ़ाने के लिए अधिक शारीरिक गतिविधि महत्त्वपूर्ण है, जो आपकी मनोदशा को बेहतर बनाती है। इसलिए सोने का एक नियम बनाएं।
बढऩे लगता है मोटापा
अतिरिक्त नींद और मोटापे के बीच एक कनेक्शन है। यदि आप लंबे समय तक सो रहे हैं तो आप उस अवधि के लिए शारीरिक रूप से निष्क्रिय हैं। कम शारीरिक गतिविधि का मतलब है कि आपका शरीर कम कैलोरी खर्च कर पा रहा है, जिससे आपका वजन बढऩे लगता है। स्लीप पत्रिका में प्रकाशित 2008 के एक शोध के अनुसार लंबे समय तक सोने से भविष्य में वजन बढऩे के अलावा हाई ब्लड प्रेशर और हाई ब्लड शुगर की आशंका हो जाती है। इसलिए अपने सोने की अवधि को आठ घण्टे से ज्यादा न बढ़ाएं।
बना रहता है आलस
अनावश्यक सोना हमारे शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक की प्रणाली को असंतुलित करता है। जिससे आलस बना रहना, सुस्ती, मूड खराब होना, सिरदर्द, पीठदर्द और हर वक्त थका-थका महसूस करना जैसे लक्षण होने लगते हैं। इसका सबसे बड़ा असर आपकी वर्क परफॉर्मेंस के खराब होने के रूप में नजर आता है क्योंकि आप किसी भी चीज पर ठीक से फोकस नहीं कर पाते।
दिमाग पर पड़ता है असर
ज्यादा सोना आपके मस्तिष्क की शक्ति को भी प्रभावित कर सकता है। अगर दिन में भी नींद लेते हैं तो हो सकता है कि इससे आपकी रात की नींद प्रभावित हो जाए। ऐसे में आपको सिरदर्द की समस्या हो सकती है। कुछ लोगों में ओवरस्लीपिंग की वजह से माइग्रेन की परेशानी भी हो सकती है। इसलिए दिन में नैप लेने की आदत छोड़ दें।